भारत में इलेक्ट्रिक कारों की सेल में टाटा मोटर्स आज सबसे आगे है. जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा जल्द ही इसमें बड़ा दांव खेलने जा रही है और मारुति सुजुकी ने भी इस सेगमेंट में तगड़ी टक्कर देने की प्लानिंग कर ली है. इन सबके बीच एक बात कॉमन है कि इलेक्ट्रिक कार इंडिया में कोई भी बेचे, कमाई सिर्फ चीन की ही होगी.
टाटा, महिंद्रा और मारुति के अलावा देश में इलेक्ट्रिक कार बेचने के मामले में MG Motor India और BYD India ही देश की टॉप-5 ईवी कंपनियों में शुमार हैं. ये दोनों कंपनियां भी चीन की हैं. तो ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि टाटा, महिंद्रा और मारुति की इलेक्ट्रिक कारों का चीन से क्या कनेक्शन है.
इलेक्ट्रिक कारों का चीन से कनेक्शन
किसी भी इलेक्ट्रिक कार की कुल लागत का करीब एक तिहाई सिर्फ बैटरी का खर्च होता है. कार का बैटरी पैक ही उसकी असली ताकत है, बिना उसके कार डिब्बा है. Tata Motors अभी अपनी गाड़ियों के लिए बैटरी को अलग-अलग मैन्युफैक्चरर से सोर्स करती है, जबकि वह खुद की बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लानिंग पर लगातार काम कर रही है.
टाटा मोटर्स अपनी Curvv EV के लिए चीन की एक कंपनी ऑक्टिलियन पावर सिस्टम्स से बैटरी पैक सोर्स करती है, जबकि इस बैटरी में लगे सेल्स भी चीनी कंपनी EVE बनाती है. इसके अलावा टाटा मोटर्स चीन की लीथियम आयन सेल बनाने वाली कंपनी Gotion से भी बैटरी सेल्स सोर्स करती है.
महिंद्रा-मारुति ने ली BYD की मदद
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने हाल में अपनी BE 6 और XEV 9e जैसी बॉर्न इलेक्ट्रिक कार पेश की हैं. इन दोनों ही कारों ने फीचर्स दम पर मार्केट में बवाल मचाया हुआ है. इसी तरह मारुति सुजुकी भी eVitara को शोकेस कर चुकी है. इन दोनों ही कार में एक कॉमन बात है, वो ये कि इनमें BYD की Blade Battery Technology का इस्तेमाल किया गया है. महिंद्रा और मारुति ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी बीवाईडी से ब्लेड बैटरी पैक को सीधे इंपोर्ट किया है.
ब्लेट बैटरी टेक्नोलॉजी अपने आप में अनोखी है, क्योंकि इसमें सिलेंडर सेल की बजाय सेल्स को लंबे ब्लेड्स की तरह डिजाइन किया जाता है. ये सेल्स के खराब होने की संभावना को कम करता है, जिससे बैटरी की लाइफ बेहतर होती है और ये तेजी से चार्ज होती है.