अफ्रीका के देश नाइजीरिया में शुक्रवार को भयानक हादसा सामने आया. नाइजीरिया में 2 मंजिला स्कूल की इमारत उस समय गिर गई जब स्कूल बच्चों से भरा हुआ था. इस हादसे में 22 बच्चों की मौत हुई, साथ ही कई घायल हो गए हैं. कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए जिन्हें निकालने का काम जारी है. जिस स्कूल में यह हादसा सामने आया उस का नाम सेंट्स एकेडमी कॉलेज है, पुलिस के प्रवक्ता अल्फ्रेड अलाबो ने कहा कि मलबे में कुल 154 छात्र फंसे हुए थे, लेकिन उनमें से 132 को बचा लिया गया और घायलों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल भेजा गया.
नाइजीरिया की राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (Nigeria’s National Emergency Management Agency) ने कहा कि दुर्घटना के तुरंत बाद बचाव और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी घटनास्थल पर तैनात किया गया. राज्य के सूचना आयुक्त मूसा अशोम्स ने एक बयान में कहा, “त्वरित चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने अस्पतालों को बिना दस्तावेज या भुगतान के उपचार को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है.”
हादसे की वजह
राज्य सरकार ने इस घटना के लिए स्कूल की “कमजोर बिल्डिंग को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही यह स्कूल नदी के किनारे बना हुआ था, जिसको भी इस हादसे की सरकार ने वजह बताया. साथ ही सरकार ने सावधानी बरतते हुए राज्य में जितने भी स्कूलों की इमारत कमजोर हैं और वो नदी किनारे बने हुए हैं, उनको तुरंत बंद करने का आग्रह किया है.
माता-पिता का बुरा हाल
हादसे के बाद दर्जनों माता-पिता और स्थानीय लोग स्कूल के पास जमा हो गए, जिनमें से कई लोग अपने बच्चों के लिए परेशान थे और मलबे में खुदाई के समय रो रहे थे और उनकी आंखें उनके बच्चे को ढूंढ रही थी. एक महिला ने अपने बच्चे को तलाशने के लिए मलबे के करीब जाने की कोशिश की लेकिन उनको रोक लिया गया और सुरक्षा के चलते घटनास्थल से पीछे किया गया.
बढ़ रहे ऐसे हादसे
अफ्रीका के देशों में नाइजीरिया एक ऐसा देश है, जहां आबादी सबसे ज्यादा है. हालांकि, नाइजीरिया में इमारतों का गिरना मामूली बात हो गई है, पिछले दो साल में देश में इमारतों के गिरने की एक दर्जन से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं. अधिकारी ऐसी आपदाओं के समय भवन सुरक्षा नियमों को लागू करने में विफलता, कमजोर इमारत और खराब रखरखाव को जिम्मेदार ठहराते हैं.