हैदराबाद: भगवान शिव की आराधना के लिए पवित्र सावन का महीना चल रहा है. इस माह में लोग भगवान शिव के मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं और उनसे सुख समृद्धि की कामना करते हैं. हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसका एक अलग ही महत्व है. सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना के लिए लोग कई चीजों का त्याग भी कर देते हैं.
इस महीने में लोग मांस, मदिरा, किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन बंद कर देते हैं. इसके अलावा सावन के महीने में हरे पत्तेदार सब्जियों के सेवन को भी वर्जित कर दिया जाता है. लेकिन इस महीने को लेकर जो सबसे आम मान्यता है, वह बाल और दाढ़ी न कटवाने की है. पुरानी मान्यताओं के आधार पर लोग सावन के महीने में बाल और दाढ़ी नहीं कटवाते हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्यों है, चलिए जानते हैं.
क्या है वैज्ञानिक कारण: जहां एक ओर सावन के महीने में बाल और दाढ़ी न कटवाने के धार्मिक कारण हैं, वहीं इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है. दरअसल पुराने समय में आज के समय की तरह कैंची और अन्य शेविंग के सामानों का इजाद नहीं हुआ था. उस स्थिति में लोगों को बिना इनके ही तेज धार लोहे के औजारों से बाल और दाढ़ी बनाना पड़ता था.
अब चूंकि सावन के महीने में बारिश बहुत ज्यादा होती है और इसके चलते इस महीने में इंफेक्शन का खतरा भी ज्यादा रहता है. ऐसी स्थिति में लोहे के औजारों से बाल और दाढ़ी कटवाने के दौरान कट जाता था और बारिश के चलते उसमें जल्द ही इंफेक्शन हो जाता था. इसलिए धीरे-धीरे लोगों ने सावन के महीने में बाल और दाढ़ी कटवाना बंद कर दिया और यह प्रथा तभी से चली आ रही है.
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी आपको सामान्य मान्यताओं के आधार पर प्रदान की जा रही है. इसे लेकर कोई निश्चित सामग्री उपलब्ध नहीं है. वयम भारत इसकी प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता है.)