बालाघाट में एक आदिवासी महिला ने क्रिटिकल कंडीशन में 10वें बच्चों को जन्म दिया है. महिला की उम्र अभी सिर्फ 35 साल है. उसकी बड़ी बेटी की उम्र 22 साल है. यानी जब उसने पहले बच्चे को जन्म दिया होगा तो उसकी उम्र 13 साल रही होगी.
महिला ने क्यों दिया 10वें बच्चे को जन्म
यह आदिवासी महिला ने दसवीं बच्चे को जन्म इसलिए दिया, क्योंकि सरकारी आदेश उसकी नसबंदी में रोड़ा बन रहा है. दरअसल, सरकार ने विलुप्त हो रहे आदिवासी बैगा समुदाय को संरक्षित करने के लिए उनकी नसबंदी पर रोक लगा रखी है. यही वजह है कि महिला को 10वें बच्चे को जन्म देना पड़ा. हालांकि यह अकेली वजह नहीं हो सकती है.
मरावी में सफल सीजेरियन प्रसव के बाद महिला और शिशु दोनों स्वस्थ
मरावी में सफल सीजेरियन प्रसव के बाद महिला और शिशु दोनों स्वस्थ मरावी की जुगतीबाई, पति अकलु सिंह के साथ रहती हैं. सोमवार को उन्हें प्रसव पीड़ा हुई और उन्हें आशा कार्यकर्ता और परिजनों ने स्थानीय बिरसा अस्पताल लेकर गए. वहां शिशु का हाथ गर्भ के बाहर आ गया था, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में रेफर किया गया. वहां रात के समय सीजेरियन प्रसव के बाद, महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया.