केजरीवाल से टक्कर में प्रवेश वर्मा ने क्यों उतारी अपनी पत्नी? BJP का बैकअप प्लान सामने आया..

दिल्ली की सत्ता की धुरी मानी जाने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज नई दिल्ली सीट से ही किया था. कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट से हराकर केजरीवाल सीएम बने थे. इसके बाद से केजरीवाल लगातार तीन बार नई दिल्ली सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं, और अब चौथी बार चुनावी मैदान में है. केजरीवाल के खिलाफ इस बार कांग्रेस से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित तो बीजेपी से पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है.

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नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया. बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने अपने साथ अपनी पत्नी स्वाति सिंह का भी नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल कराया है.

इस तरह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवेश वर्मा और उनकी पत्नी स्वाति सिंह दोनों ने चुनावी ताल ठोक रखी है. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रवेश वर्मा को किस बात का डर सता रहा है, जिसके चलते अपनी पत्नी को नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल कराया है?

क्या है प्रवेश वर्मा का प्लान?

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ माहौल बनाने के लिए नई दिल्ली सीट पर किसी तरह की कोई गुंजाइश प्रवेश वर्मा नहीं छोड़ रहे हैं. इस तरह से उन्होंने अपनी पत्नी स्वाति सिंह को नई दिल्ली सीट से नामांकन कराना बैकअप प्लान का हिस्सा है. नई दिल्ली सीट से पर्चा दाखिल करने के बाद स्वाति सिंह ने मीडिया से खुद कहा कि उन्होंने अपने पति प्रवेश वर्मा के बैकअप कैंडिडेट के रूप में यह पर्चा भरा है.

नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा के नामांकन पत्र में अगर किसी तरह की कोई कमी आती है, और उनकी उम्मीदवारी पर खतरा मंडराता है, तो स्वाति सिंह फिर फ्रंटफुट पर केजरीवाल से दो-दो हाथ करनी नजर आएंगी. इसीलिए प्रवेश वर्मा के नामांकन के बाद नई दिल्ली सीट से स्वाति सिंह ने भी अपना नामांकन पत्र भर दिया है. ऐसे में पति प्रवेश वर्मा का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा तो स्वाति अपना नाम वापस ले सकती हैं.

प्रवेश वर्मा को क्यों सत्ता रहा डर

नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को मात देने के लिए प्रवेश वर्मा हर एक सियासी दांव चल रहे हैं. नई दिल्ली सीट पर जब से प्रवेश वर्मा के चुनाव लड़ने की बात सामने आई हैं, तभी से उन पर मतदाताओं को पैसा बांटने, साड़ी बांटने और अब जूते बांटने के आरोप लगे हैं. प्रवेश वर्मा के खिलाफ बुधवार को चुनाव आयोग ने केस दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. वर्मा पर मतदाताओं को जूते-पैसे बांटने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. ये आरोप अगर सच साबित होता तो यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बन सकता है.

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बकायदा प्रेस कॉफ्रेंस करके बीजेपी पर मतदाताओं को पैसा बांटने का आरोप लगाया था. उन्होंने दिल्ली चुनाव आयोग से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के खिलाफ साड़ी-पैसा बांटने की एफआईआर दर्ज कराई थी. प्रवेश वर्मा के ऊपर लगातार चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं. ऐसे में प्रवेश वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है और वो कानूनी पेंच में उलझता जा रहे हैं. यही कारण है कि प्रवेश वर्मा चुनाव में कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते हैं.

जिसके चलते उन्होंने अपनी पत्नी स्वाति सिंह का नई दिल्ली सीट से नामांकन भी दाखिल करा दिया है. इसके पीछे वजह यह है कि किसी कारण से प्रवेश वर्मा का नामांकन खारिज होता है तो फिर बैकअप प्लान के तहत स्वाति सिंह को कैंडिडेट बना दिया जाएगा.

चुनाव आयोग कर सकता है उम्मीदवारी रद्द

1951 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (1) (A) के तहत अगर कैंडिडेट या उनके चुनावी एजेंट किसी मतदाता को गिफ्ट देते हैं, किसी तरह का वादा करते हैं या कुछ बांटते हैं तो यह भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है.

चुनाव में किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी के पक्ष में वोट देने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद पैसा या अन्य उपहार वितरित करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान है. भारतीय दंड संहिता की धारा 171 बी के तहत आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है. उपहार देने की पेशकश करना, देने के लिए सहमत होना और उपहार प्राप्त करने का प्रयास करना भी दंडनीय अपराध है. ऐसे में कैंडिडेट के नामांकन रद्द होने का भी खतरा होता है. इसीलिए प्रवेश वर्मा ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह का नामांकन कराकर बैकअप प्लान बनाया है.

कैसा रहा प्रवेश का राजनीतिक करियर?

प्रवेश वर्मा को बीजेपी का फायर ब्रांड नेता माना जाता है और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. 2014 और 2024 तक साउथ वेस्ट दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा सांसद रहे चुके हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है. प्रवेश वर्मा ने टिकट मिलने से पहले ही नई दिल्ली क्षेत्र में अपनी सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी थी. जिसके बाद से वो लगातार चर्चा में बने हुए हैं.

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