लाल किले पर क्यों नहीं पहुंचे राहुल गांधी और खड़गे? कांग्रेस का जवाब- ताकि मर्यादा का हनन ना हो…

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कोई बड़ा नेता वहां मौजूद नहीं था. आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह से लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के नेता विपक्ष नदारद रहे हों.

कांग्रेस के प्रवक्ता डॉक्टर अजय उपाध्याय ने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता का जो पद है, प्रधानमंत्री के बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ अगली पंक्ति में बैठता रहा है. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक, चाहे जिसकी भी सरकार रही हो. यह परंपरा रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस भी दल का नेता विपक्ष रहा हो, उसे अगली पंक्ति में बैठाया जाता रहा है. जब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने, पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनको अंतिम पंक्ति में बैठाया गया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, ये दोनों संवैधानिक पद पर हैं. अजय उपाध्याय ने कहा कि यह संवैधानिक पद की गरिमा का मामला है. किसी व्यक्ति का मामला नहीं

उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी का मामला नहीं है, मल्लिकार्जुन खड़गे का भी मामला नहीं है. अजय उपाध्याय ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति के साथ यदि ऐसा किया जा रहा है, तो संविधान की मर्यादा का हनन है. उन्होंने कहा कि मर्यादा का हनन ना हो, इसलिए इन दोनों लोगों ने राष्ट्रीय पर्व मनाया, राष्ट्रीय ध्वज फहराया और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहते हैं प्रधानमंत्री. ये राजनीतिकरण नहीं हो.

बीजेपी ने विपक्ष को घेरा

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)  प्रवक्ता आरपी सिंह ने पिछले साल अंतिम पंक्ति में बैठाए जाने के तर्क पर पलटवार करते हुए कहा कि आज सीट कहां लगी थी, देखी? इससे पहले, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लाल किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह से विपक्ष के नेता के गैरहाजिर रहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि नेता विपक्ष का पद संवैधानिक पद होता है और इस आयोजन में उनका शामिल होना संवैधानिक कर्तव्य है.

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