टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने अपने संन्यास के फैसले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. अश्विन ने अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के हालिया पॉडकास्ट में कहा कि पहले उन्होंने 100वें टेस्ट के बाद संन्यास लेने का सोचा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में यह फैसला इसलिए लिया ताकि अंतिम एकादश में उनकी जगह को लेकर ‘पूरा सर्कल’ फिर से नहीं दोहराया जाए.
अश्विन ने किया बड़ा खुलासा
पॉडकास्ट में अश्विन ने चेन्नई टीम के साथी खिलाड़ी माइक हसी से कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में टीम में जगह नहीं मिलने के बाद संन्यास का फैसला कर लिया था. उस मैच में अश्विन की जगह वॉशिंगटन सुंदर को खेलने का मौका मिला. अश्विन ने एडिलेड में दूसरा टेस्ट खेला, लेकिन गाबा पर तीसरे टेस्ट में उन्हें मौका नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान किया.
अश्विन ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं अपने सौवें टेस्ट (मार्च 2024 में धर्मशाला में) के बाद संन्यास लेना चाहता था. फिर मैंने सोचा कि घरेलू सत्र में एक मौका और लेते हैं क्योंकि मैं अच्छा खेल रहा था, विकेट ले रहा था, रन बना रहा था.’ उन्होंने कहा ,‘मैंने सोचा कि चेन्नई टेस्ट (बांग्लादेश के खिलाफ) के बाद संन्यास लूंगा, लेकिन फिर मैंने छह विकेट लिए और शतक बनाया. अच्छा प्रदर्शन करते हुए छोड़ना बहुत मुश्किल होता है.’
अश्विन ने कहा,‘मैं फिर खेलता गया और फिर हम न्यूजीलैंड से हार गए. फिर मैंने सोचा कि चलो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देखते हैं कि प्रदर्शन कैसा रहता है. पिछली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था.’ भारत के लिए 537 टेस्ट विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा,‘मैं खेल का मजा ले रहा था, लेकिन इसके लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मेहनत कर रहा था. सबसे अहम बात थी कि मैं परिवार के साथ समय बिताना चाहता था.’
उन्होंने कहा ,‘फिर जब पर्थ टेस्ट में जगह नहीं मिली तो मैने सोचा कि यह पूरा सर्कल फिर नहीं दोहराना है. लोगों की नजर में आपके जज्बात की बहुत कम कीमत होती है. वे नहीं समझते कि आप किन भावनाओं से गुजर रहे हैं. मैं संन्यास के बारे में सोच ही रहा था और फिर मुझे लगा कि यह सही समय है.’