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आखिर क्यों मुस्लिम समाज ने नही निकाला पारम्परिक जुलूस? जाने वजह

छतरपुर में 21 अगस्त को कोतवाली थाने में हुए पत्थर कांड के बाद शहर में आज मुस्लिम समाज के द्वारा बारा बफात पर जुलूस नही निकाला गया। हलाकि प्रशासन और पुलिस लगातार समाज के लोगों से संपर्क कर हर वर्ष की तरह जुलूस निकलवाने का प्रयास करती रही । लेकिन मुस्लिम समाज की सहमति जुलूस निकालने को लेकर नही बन सकी ।लिहाजा मुस्लिम समाज के लोगों ने जुलूस तो नही निकाला पर त्योहार को पहले की तरह मनाया। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जायसवाल व एसपी अगम जैन खुद भी मुस्लिम बस्तियों में पहुंचे और समाज के लोगों से संवाद कर उन्हें त्योहार की शुभकामनाएं दीं गयीं । इस दौरान पूरे शहर में पुलिस चाक चौबंद नजर आयी ।
गौरतलब है कि 21 अगस्त को बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग कोतवाली थाने में ज्ञापन देने गए थे ,जहां आक्रोशित भीड़ में कोतवाली थाने में पथराव कर दिया था ,घटना में कोतवाली थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मी घायल हुए थे । इस पर पुलिस ने 46 नामजद व डेढ़ सौ अन्य पर विभिन्न गम्भीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही में पत्थर कांड के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की करोड़ों की आलीशान बिल्डिंग को जमीदोज कर दिया गया था ,साथ ही बिल्डिंग में रखी तीन लग्जरी कारें भी बुलडोजर से कुचलवा दी गई थी। और उसके बाद लगातार पुलिस के द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं , इसी को लेकर मुस्लिम समाज के लोग नाराज थे, समाज के लोगों का तर्क था कि जो लोग पत्थरबाजी में वास्तविक शामिल रहे है , पुलिस उन्ही को आरोपी बनाएं , लेकिन पुलिस के द्वारा ऐसे लोगों को भी घटना में आरोपी बनाया गया है, जिनका पत्थरकाण्ड में कोई हाथ नहीं था । इसी घटना के बाद पुलिस कार्यवाही से नाखुश मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा बारा बफात पर निकलने वाले पारंपरिक विशाल जुलूस को नही निकाला गया।

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