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IAS बनने का सपना, मैथ्स न मिलने का गम… नवोदय स्कूल की आदिवासी छात्रा ने क्यों लगा लिया मौत को गले?

मध्य प्रदेश के खंडवा में नवोदय स्कूल में पढ़ने वाली 12वीं की एक छात्रा ने हॉस्टल की बाथरूम में फांसी लगाकर जान दे दी. घटना का पता उस वक्त चला जब स्कूल जाने से पहले छात्रा नहाने के लिए गई थी और काफी देर तक बाहर नहीं निकली. सहेलियों को शक हुआ तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. फिर हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी गई.

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इसके बाद दरवाजा तोड़कर देखा गया तो वह बाथरूम में फंदे पर लटकी मिली. छात्रा के पास मिले एक नोट के बाद पुलिस का कहना है कि छात्रा आर्ट्स विषय लेकर खुश नहीं थी और तनाव में थी, वहीं स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि मृतक IAS बनना चाहती थी. मृत छात्रा का नाम सीमा देवड़ा (18) है. वह पंधाना के नवोदय स्कूल की छात्रा थी और 12वीं क्लास में पढ़ती थी.

उसने एक साल पहले आर्ट्स विषय लेते हुए 11वीं क्लास में स्कूल में एडमिशन लिया था. वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी. यहां गुरुवार सुबह उसने यह कदम उठा लिया. पुलिस को छात्रा के पास कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन उसकी एक कॉपी मिली, जिसमें उसने लिखा था कि दसवीं में 90 प्रतिशत अंक आ जाते तो मैथ्स-साइंस विषय मिल जाता. नंबर अच्छे नहीं आए इसलिए आर्ट्स विषय लेना पड़ा.

तनाव में कहती थी ये बात

 

सीमा बिजौरा भील गांव के रहने वाले आदिवासी परिवार से थी. उसके माता-पिता गांव में रहकर खेती करते हैं. जबकि, वह अकेले रहते हुए पढ़ाई कर रही थी. उसका एक छोटा भाई भी है. सीमा ने बुरहानपुर में अपने मामा के घर रहते हुए 10वीं तक की पढ़ाई की थी. जब वह मामा के घर रहती थी तो अक्सर उनके बच्चों से कहती थी कि तुम्हारे पापा व तुम मेरे कारण परेशान रहते हो, मामा भी मेरा खर्च कब तक उठाएंगे. कब तक मामा पर बोझ बनकर रहूंगी.

क्या बोलीं प्रिंसिपल ?

उधर छात्रा की मौत को लेकर स्कूल प्रिंसिपल शर्मिला खान ने बताया कि वह पढ़ने में होशियार थी और स्कूल में पढ़ाई के दौरान कभी भी तनाव में नहीं रहती थी. वह IAS बनना चाहती थी. लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह ऐसा कदम उठा लेगी. प्राचार्य ने बताया कि वह दीपावली की छुट्टियों में बुरहानपुर अपने मामा के घर गई थी, जहां उसके माता-पिता मिलने नहीं आए. इस बात को लेकर जरूर वह थोड़ा उदास थी.

 

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