दिल्ली की राजनीति में इन दिनों कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भयंकर बहस छिड़ी हुई है. आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार राजधानी की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, इस मुद्दे पर कांग्रेस भी आक्रामक हो गई है और अब उसने अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को भी आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने अपनी न्याय यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर केजरीवाल और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने सवाल उठाया कि निर्भया कांड के समय शीला दीक्षित का इस्तीफा मांगने वाले केजरीवाल 4-5 रेप और यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बावजूद आतिशी का इस्तीफा क्यों नहीं मांग रहे हैं.
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और बीजेपी, दोनों ही दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों पार्टियां आपसी राजनीति के दांव-पेच में फंसी रहकर जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की नाकामी पर भी सवाल उठाए, जैसे कि सीसीटीवी कैमरों का काम न करना और बसों के पैनिक बटन का फेल होना.
इस बहस के बीच देवेन्द्र यादव ने भाजपा के ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ नारे की विफलता की ओर भी इशारा किया और गृहमंत्री अमित शाह से भी इस्तीफे की मांग की. उन्होंने दिल्ली की वर्तमान हालत को दर्शाते हुए इसे सरकार की निष्क्रियता बताया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 की तैयारी में राजनीतिक दल जुट गए हैं. हालांकि अभी चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन संभावना है कि चुनाव फरवरी 2025 में होंगे. इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें AAP, BJP और कांग्रेस मुख्य खिलाड़ी हैं. हालांकि छोटे दल भी इस चुनाव में अपनी भूमिका निभा सकते हैं. दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की सरकार है.