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हज वालों को राखी का तोहफा क्यों? मध्य प्रदेश में CM के ऐलान पर बोले बीजेपी नेता

मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के जरिए रक्षा बंधन पर भेजी जाने वाली शगुन की राशि पर सियासत गरमा गई है. मुख्यमंत्री ने रक्षा बंधन को देखते हुए सभी लाडली बहनों के खाते में 250 रुपए डालने का ऐलान क्या किया कि उनके अपने ही विरोध में उतर आए. बीजेपी के सीनियर नेता ने सभी लाडली बहनों को शगुन की राशि भेजने पर ऐतराज जताया है. पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा है कि शगुन का पैसा सिर्फ सनातनी बहनों को ही भेजा जाना चाहिए.

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राज्य में इस योजना की शुरुआत वैसे तो 2023 विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी. योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलाओं को प्रति माह 1250 रुपए दिए जाते है. हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया कि रक्षाबंधन पर्व को लेकर लाडली बहनों के खाते में 250 रुपए अतिरिक्त डाले जाएंगे.

‘जो महिलाएं रक्षाबंदन मनाती ही नहीं, उन्हें शगुन क्यों?’

सीएम के इस घोषणा के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने अपना विरोध जताया है. शर्मा का कहना है कि जो महिलाएं रक्षा बंधन मनाती ही नहीं है या फिर इस पवित्र रिश्ते में भरोसा ही नहीं रखती है तो फिर उन्हें 250 रु देने का क्या मतलब? ऐसे लोगों को शगुन का पैसा न दिया जाए. सरकार अपने खजाने में से पैसा दे रही है. अगर देना ही है तो जो महिलाएं रक्षा बंधन मनाती है उनके खातों में बढ़ाकर पैसा दिया जाए.

मुस्लिम महिलाएं बोलीं- सीएम हमारे भी भाई

टीवी9 ने बीजेपी नेता से सवाल किया गया कि क्या आप मुस्लिम महिलाओं की बात कर रहे हैं तो उन्होंने जवाब में कहा कि हज पर कौन जाता है, अमरनाथ यात्रा पर कौन जाता है? ये तो वैसे ही स्पष्ट है, लिहाजा इसमें सवाल की कोई जरूरत ही नहीं है. मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी नेता के बयान का विरोध किया है. मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि बीजेपी नेता का इस तरह बयान देना गलत है. हम भी अपने मुख्यमंत्री को भाई मानते हैं. किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर बोला हमला

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि बीजेपी की सोच ही हिंदू मुस्लिम को लड़ाने वाली है. ये सिर्फ समाज में जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं, मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है. मुख्यमंत्री के ऐलान को धर्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता, लेकिन बीजेपी के ही नेता तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं.

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