अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी डोनाल्ड लू भारत दौरे पर हैं. लू अमेरिका का वही अधिकारी हैं जिनका नाम पाकिस्तान में इमरान सरकार गिराने और बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में सामने आया था. लू अमेरिकन विदेश विभाग में साउथ और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं.
उन्होंने बुधवार को अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की ओर से आयोजित इंडिया आइडिया समिट में हिस्सा भी लिया. इस समिट में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कई भारतीय अधिकारियों ने भी शिरकत की है. उनकी भारत यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी मजबूत करना है.
भारत दौरे के बाद लू 14 और 15 सितंबर को बांग्लादेश में रहेंगे, जहां वो अंतरिम सरकार के साथ इकोनॉमिक डायलॉग में हिस्सा लेंगे, जिसका आयोजन अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से किया जा रहा है. इस दौरान उनकी मुलाकात अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से भी हो सकती है. अमेरिका के विदेश विभाग के मुताबिक इसका उद्देश्य बांग्लादेश के आर्थिक विकास, वित्तीय स्थिरता और डेवलपमेंट होगा.
@USIBC was delighted to host Donald Lu, the Assistant Secretary of State for South and Central Asian Affairs at the @StateDept, in fireside chat with Ralph Voltmer, Partner at @CovingtonLLP. It was a wonderful and beneficial discussion with the members of our Global Board setting… pic.twitter.com/HwkGUcRBGo
— U.S.-India Business Council (@USIBC) September 11, 2024
तख्तापलट स्पेशलिस्ट माने जाते हैं डोनाल्ड लू
बीते कुछ सालों भारत के पड़ोसी मुल्कों में हुई राजनीतिक उठा-पटक को लेकर अमेरिका के इस वरिष्ठ अधिकारी का नाम सामने आता रहा है. अगस्त में हुए शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के साथ-साथ, पाकिस्तान में जब इमरान खान की सरकार गिरी थी, तब भी इनका नाम सामने आया था. तब इमरान खान ने भी सरकार गिराने का आरोप अमेरिका पर मढ़ा था. माना जाता है कि चीन और रूस के साथ इमरान खान सरकार की नजदीकियां अमेरिका को चुभ रही थीं.
इमरान खान ने अमेरिका पर लगाए थे आरोप
इमरान खान ने तो खुलकर कई दफा अमेरिका पर पाकिस्तान को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. इमरान खान ने मुल्क के आर्थिक संकट के लिए भी अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहराया था. यही नहीं उन्होंने कहा था कि अमेरिका अपने हित साधने के लिए पाकिस्तान की विदेश नीति और आंतरिक राजनीतिक को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है.
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में नाम आया
वहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और आवामी लीग की नेता शेख हसीना ने भी तख्तापलट के लिए अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहराया था. इससे पहले मई 2024 में भी शेख हसीना ने दावा किया था कि एक गोरी चमड़ी वाले विदेशी ने उन्हें आसानी से चुनाव जीतने का ऑफर दिया था, बदले में वो बांग्लादेश में मिलिट्री बेस बनाना चाहता था. शेख हसीना के मुताबिक अगर वह बांग्लादेश के सेंट मार्टिन आइलैंड पर मिलिट्री बेस बनाने की इजाजत दे देतीं तो उनकी सरकार बनी रहती.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मई 2024 में डोनाल्ड लू बांग्लादेश के दौरे पर गए थे. उनके बांग्लादेश से लौटने के कुछ महीने बाद ही बांग्लादेश में छात्र आंदोलन की ऐसी आंधी आई जिसने शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका. नतीजतन शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आना पड़ा.
तख्तापलट के बाद पहली बार बांग्लादेश जाएंगे लू
अब शेख हसीना सरकार की बेदखली के बाद एक बार फिर वह बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे, हालांकि वह अमेरिकी विदेश विभाग में साउथ और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री हैं लिहाज़ा इस क्षेत्र में उनके दौरे और अधिकारियों से मुलाकातें होती रहती हैं. लेकिन बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का आरोप लगने के बाद हो रहे उनके इस दौरे पर तमाम लोगों की निगाहें टिकी हुईं हैं.