Chhath Puja 2024: हिंदू धर्म में कार्तिक महीने में आने वाला छठ महापर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह 4 दिनों का उत्सव है जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाए-खाए से आरम्भ होकर सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है. छठ पूजा का यह पर्व भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है. संतान के कल्याण, पारिवारिक खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना से छठ पर महिलाएं लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं. यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें लंबे समय तक जल तक नहीं पिया जाता है.
इस पर्व के चारों दिन प्रसाद के रूप में कुछ खास बनाया जाता है. इसमें खीर, पुआ और ठेकुआ सबसे खास प्रसाद होता है. छठ पर्व का सबसे जरूरी नियम होता है कि इस पर्व पर बनने वाला प्रसाद हाथ से बनाए गए मिट्टी के नए चूल्हे पर ही बनाए जाने की परंपरा है. मान्यता है कि छठ का प्रसाद सिर्फ उसी चूल्हे पर बनाया जाता है जिसको पहले कभी भी खाना बनाने के लिए इस्तेमाल न किया गया हो. आइए जानते हैं कि छठ पूजा का प्रसाद हमेशा मिट्टी के नए चूल्हे पर बनाए जाने की परंपरा के पीछे क्या कारण हैं.
छठ पूजा में मिट्टी से बने चूल्हे पर प्रसाद बनाने की परंपरा के पीछे के कारण
नए चूल्हे पर प्रसाद बनाना छठ पूजा की एक पारंपरिक रीति है. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है और यह हमारे सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है.
मिट्टी के नए चूल्हे को शुद्ध और पवित्र माना जाता है. यह मान्यता है कि नए चूल्हे पर बनाया गया प्रसाद छठी मैया को अधिक प्रिय होता है.
छठ पूजा के प्रसाद के लिए नया चूल्हा इसलिए प्रयोग किया जाता है, क्योंकि छठ पूजा का प्रसाद बहुत पवित्र और शुद्ध तरीके से बनाया जाता है. पुराने इस्तेमाल किए चूल्हे पर लहसुन, प्याज या मांसाहारी खाना बना होता है, इसलिए छठ पूजा का प्रसाद हमेशा नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है.
मिट्टी के चूल्हे का उपयोग प्रकृति से हमारे जुड़ाव को दर्शाता है. यह हमें हमारे पूर्वजों के सरल जीवन और प्रकृति के साथ उनके संबंध की याद दिलाता है.
मिट्टी के चूल्हे पर पकाया गया भोजन अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. ऐसा माना जाता है मिट्टी के चूल्हे पर पकाया गया भोजन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है.
छठ पूजा 2024 तिथि ( Chhath Puja 2024 Date)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन से छठ पर्व का आरंभ होता है. इस वर्ष छठ पर्व का आरम्भ 5 नवंबर से हो रहा है. यह उत्सव 4 दिनों तक चलता है. 5 नवंबर को छठ का पहला दिन नहाय-खाय , 6 नवंबर को दूसरा दिन खरना, 7 नवंबर को तीसरे दिन डूबते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा और 8 नवंबर को चौथे व अंतिम दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ के पर्व का समापन हो जायेगा.