पंजाब : पंजाब, जिसे अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है, सर्दियों के दौरान विशेष रूप से चर्चा में रहता है. इसका मुख्य कारण लुधियाना शहर है, जो अब दुनिया में ऊनी वस्त्रों के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है. धालीवाल, अमृतसर, लुधियाना और खरड़ जैसे शहरों में ऊनी मिलों और होजरी उद्योग की भरमार है. लुधियाना विशेष रूप से होजरी और निटवेयर उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है, और यहां से बने वस्त्र देश-विदेश में बेहद लोकप्रिय हैं.
ऊनी उद्योग का 143 साल पुराना इतिहास
भारतीय ऊनी उद्योग का इतिहास 1876 से शुरू होता है, जब उत्तर प्रदेश के कानपुर में पहली आधुनिक ऊनी मिल स्थापित की गई थी. इसके बाद, 1881 में पंजाब के धालीवाल में दूसरी ऊनी मिल की स्थापना हुई. वर्तमान में, पंजाब में 600 से अधिक ऊनी मिलें, 1100 होजरी इकाइयां और 150 सूत कटाई इकाइयां काम कर रही हैं, जिसमें लगभग 15,000 लोग रोजगार पा रहे हैं.
लुधियाना के बाजारों की प्रमुख भूमिका
लुधियाना के मौजपुर बाजार और गांधी नगर मार्केट ऊनी वस्त्रों के व्यापार का मुख्य केंद्र बने हुए हैं. यहां कच्चे माल का आयात किया जाता है और फिर डाईंग यूनिट्स में प्रोसेस करके उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र तैयार किए जाते हैं. स्थानीय कारोबारी संदीप सिडाना के अनुसार, इस उद्योग में हर साल करोड़ों रुपये का निवेश होता है, जो इसकी आर्थिक महत्ता को दर्शाता है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में तेजी से बढ़ता पंजाब
विश्व स्तर पर ऑस्ट्रेलिया ऊनी उत्पादन में सबसे आगे है, जो दुनिया की कुल ऊन का पांचवां हिस्सा उत्पादन करता है, इसके बाद चीन, रूस, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका का स्थान है. हालांकि, पंजाब का ऊनी उद्योग तेजी से अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.
लुधियाना में कई ब्रांड्स उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बना रहे हैं, जो न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं. यहां के कारोबारी लगातार नई तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन की गुणवत्ता को बेहतर बना रहे हैं, जिससे पंजाब का ऊनी उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है.