अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को करारी शिकस्त दी. वह देश के अगले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के लिए तैयार हैं. लेकिन इस बार के चुनाव में इतिहास भी रचा गया है. पहली बार एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार को चुना गया. लेकिन उनके जेंडर ने साथ ही एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया.
डेमोक्रेट सारा मैकब्राइड नाम की एक ट्रांसजेंडर महिला पहली बार अमेरिकी संसद पहुंचीं. सारा ने जन्म तो पुरूष के रूप में लिया था लेकिन अब वह ट्रांसजेंडर महिला हैं. वह डेलावेयर से संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई हैं.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
रिपब्लिकन पार्टी की महिला सांसद नैंसी मेस ने सारा मैकब्राइड के संसद में बने महिला शौचालय का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि वह सारा को महिला टॉयलेट्स का इस्तेमाल नहीं करने देंगी.
नैंसी मेस इसे लेकर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में एक प्रस्ताव भी लेकर आई हैं. दो पन्नों के इस प्रस्ताव में संसद के सदस्यों, अधिकारियों और संसद के कर्मचारियों को अपने मूल जेंडर (जिस जेंडर में जन्म लिया है) के अलावा कोई अन्य शौचालय इस्तेमाल करने से रोकने का प्रावधान है.
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि महिलाओं के टॉयलेट, लॉकर रूम और चेंजिंग रूम में पुरुष के तौर पर जन्मे लोगों को अनुमति देने से महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि सारा मैकब्राइड पैदायशी पुरुष हैं, उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी.
सारा मैकब्राइड ने इस विवाद पर क्या कहा?
इस पूरे मामले पर सारा ने कहा कि ये दक्षिणपंथी नेताओं की वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल है. इनके पास उन दिक्कतों का कोई समाधान नहीं है जिनका सामना हर रोज अमेरिकी नागरिक कर रहे हैं.
अमेरिकी हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने संसद में महिला शौचालयों का इस्तेमाल ट्रांसजेंडर महिलाओं द्वारा करने पर पाबंदी लगाने की योजनाओं का समर्थन किया है. जॉनसन ने जारी बयान में कहा कि महिलाओं के लिए स्पेस बहुत जरूरी है. कैपिटल हिल और संसद से जुड़ी इमारतों में यह बैन लागू रहेगा. अमेरिकी संसद में जीतकर आए ट्रांसजेंडर सांसद के बाथरूम यूज करने पर बवाल मचा हुआ है, हाउस स्पीकर ने लेडीज लू में जाने पर रोक लगा दी.