चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक नया खतरा बन रहा है. इस वायरस को कोविड जैसा बताया जा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वायरस से चीन में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. चीन सीडीसी का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण लगभग कोरोना जैसे ही हैं. इससे बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. ये वायरस कुछ बच्चों में निमोनिया भी कर सकता है. ऐसे में उनको अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है.
इस बीच बड़ा सवाल है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस बच्चों पर ज्यादा असर क्यों कर रहा है. इस बारे में जानते हैं.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक वायरस है जिसके लक्षण खांसी-जुकाम जैसे होते हैं. हालांकि ये वायरस कभी-कभी निमोनिया का कारण बनता है. ये कुछ मामलों में बच्चों में होने वाली आम बीमारी आरएसवी इंफेक्शन जैसा ही होता है. आरएसवी भी बच्चों को ही अधिक संक्रमित करता है. इससे ब्रोंकियोलाइटिस हो सकता है. जिससे छोटे बच्चों में सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. कुछ मामलों में लंग्स में गंभीर इंफेक्शन हो सकता है, हालांकि ऐसा कुछ बच्चों के साथ ही होता है. सभी बच्चों में ये वायरस घातक नहीं होता है.
एचएमपीवी छोटे बच्चों को संक्रमित क्यों करता है?
एम्स में पीडियाट्रिक विभाग में डॉ राकेश कुमार बताते हैं कि इस वायरस के अधिकतर मामले 5 साल से छोटे बच्चों में रिपोर्ट किए जाते हैं. छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, जिससे उन्हें किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा अधिक होता है. चूंकि एचएमपीवी एक रेस्पिरेटरी वायरस है तो यह हवा के जरिए बच्चों के फेफड़ों में जाता है और उनको आसानी से संक्रमित कर देता है.
छोटे बच्चों के फेफड़े में इंफेक्शन आसानी से हो जाता है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. चूंकि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस बहुत हद तक आरएसवी और कोविड जैसे लक्षण करता है तो इससे बच्चों को इंफेक्शन आसानी से हो जाता है. हालांकि अधिकतर मामलों में बच्चे कुछ दिन में ठीक हो जाते हैं.
डॉ राकेश बताते हैं कि जिन बच्चों को पहले से ही अस्थमा या फिर ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी है तो उनको इस वायऱस से खतरा होता है. ऐसे में ये बच्चे आसानी से संक्रमित हो जाते हैं.
वायरस से बच्चों की देखभाल कैसे करें
बच्चों को सलाह दें कि वह नियमित रूप से हाथों की सफाई करें
अपने बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए उचित कदम उठाएं
संक्रमित इलाकों की यात्रा से बचें
खानपान का ध्यान रखें