क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप फ्रिज से पीने के लिए पानी निकालते हैं और फिर ज्यादा ठंडा होने पर उसमें गर्म पानी मिक्स कर लेते हैं. यह काफी सामान्य है और आमतौर पर लोग ऐसा करते हैं लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे सेहत के लिए सही नहीं मानते हैं.
इशा हठ योग टीचर श्लोका जोशी ने बताया कि किसी को भी गर्म और ठंडा पानी एक-साथ मिलाकर नहीं पीना चाहिए. उन्होंने बताया कि ठंडा पानी पचाने में भारी होता है, जबकि गर्म पानी हल्का होता है, जब दोनों एक साथ मिलते हैं तो अपच की दिक्कत हो सकती है.
क्यों ठंडा और गर्म पानी मिक्स नहीं करना चाहिए
इसके अलावा, गर्म पानी में बैक्टीरिया नहीं होते जबकि ठंडा पानी दूषित हो सकता है, इसलिए दोनों को मिलाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है.
गर्म पानी वात और कफ को शांत करता है जबकि ठंडा पानी दोनों को बढ़ाता है उन्हें मिलाने से पित्त दोष भी खराब होता है.
गर्म और ठंडे पानी को मिलाने से पाचन कमजोर होता है, जिससे पेट फूल जाता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आती है. गर्म पानी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को फैलाता है और उन्हें साफ करता है, जबकि ठंडा पानी उन्हें संकुचित करता है. इसलिए ठंडे और गर्म पानी के मिश्रण सही नहीं है.
इसके अलावा पानी को उबालने की प्रक्रिया न केवल इसे हल्का और बैक्टीरिया फ्री बनाती है, बल्कि इसमें चिकित्सीय गुण भी होते हैं जो बिलकुल साफ हो जाता है और ओवरऑल हेल्थ को बेहतर करता है. श्लोका ने कहा, इसे ठंडे पानी में मिलाने से ये गुण काफी हद तक कम हो जाते हैं जिससे यह स्वास्थ्य के लिए कम फायदेमंद हो जाता है.
तो फिर कैसे पानी पीना चाहिए?
मिट्टी के बर्तन का पानी सेहत के लिए अमृत समान है. यह स्वाभाविक रूप से पानी को ठंडा और शुद्ध रखता है. यहां तक कि यह पानी में मौजूद खनिजों को भी सुरक्षित रखता है. मिट्टी के बर्तन एक सुसंगत, मध्यम तापमान बनाए रखते हैं जो आयुर्वेदि के लिहाज से शरीर के लिए अच्छा होता है.
मिट्टी के बर्तन में रखे पानी में ऑक्सिजन भी आती-जाती रहती है जिससे पानी को अत्यधिक ठंडा खासकर गर्म वातावरण में ठंडा बनाए रखने में मदद करता है. इसके साथ ही यह पानी आपकी पाचन क्षमता को बाधित किए बिना या कफ दोष को बढ़ाए बिना आपके शरीर को ठंडा रखता है.