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हवस का पुजारी ही क्यों , ‘हवस का मौलवी’ क्यों नहीं ? : बागेश्वर बाबा

छतरपुर : जिले के प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार के गया में ‘हवस का मौलवी क्यों नहीं? वाले बयान पर भड़के मौलाना को बागेश्वर बाबा की फिर दो टूक, कह दिया कि उन्हें बुरा नहीं मानना चाहिए’अगर किसी को बुरा लगा हो तो लगना चाहिए उसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है.

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बिहार के बोधगया में प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा “हिंदुओं के खिलाफ बड़ी साजिश हुई है. आपने हवस का पुजारी सुना है, लेकिन हवस का पादरी नहीं. हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता ? उन्होंने कहा, हिंदुओं उन्होंने साजिश की और तुमने स्वीकार कर लिया है. मुसलमान अपने मौलवियों का अपमान नहीं करते हैं. लेकिन हिंदू ऐसा करते हैं. हम किसी के विरोध में नहीं हैं. प्रायोजित तरीके से लोगों का ब्रेन वॉश किया जा रहा है.

उनके इस बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने धीरेंद्र कृष्ण के बयान को नफरती बताया.एक वीडियो मैसेज में उन्होंने कहा “धीरेंद्र शास्त्री हमेशा आपत्तिजनक बातें करते हैं. जो उनेक नजरिए और सोच को दर्शाता है. उन्हें ऐसी बातें करनी चाहिए जो लोगों के लिए सबक हो.लेकिन वह हमेशा आपत्तिजनक बात करते हैं. हिंदू हों या मुसलमान उन्होंने सभी धर्म के प्रचारकों को कटघरे में खड़ा कर दिया है.”

वहीं बागेश्वर बाबा ने एक बार फिर हवस के पुजारी को लेकर दिए अपने बयान पर मुहर लगा दी. उन्होंने सीधा कहा कि नालायक है इनको ज्ञान नहीं है.किसी भी प्रकार से किसी भी मजहब को या किसी धर्मगुरु को हमने नहीं कहा.हमने एक अपने सनातनियों को जगाने के लिए जो प्रायोजित तरीके से भारतीय सनातनियों को और हिंदुओं को जो ब्रेन वास किया जाता है.उसको हमने जागरुक हिंदू और हिंदुत्व के नाते हमने बताया है. हवस का पुजारी क्यों होता है बोलचाल में पुजारी हमारे सनातन धर्म का सबसे बड़ा पद है.

सनातन धर्म में उसका सम्मान है पूजा करते हैं ,अच्छा हवस का पादरी क्यों नहीं होता ? हवस का मौलाना क्यों नहीं होता ? अगर यह बोल दिया है तो लोगों को दिक्कत होने लगी है.
अभी कोई एक नेताजी हैं उन्होंने बयान दिया था कि साधु संत गांजा फूंकते हैं कोई अंसारी जी हैं उन्होंने कहा महात्मा गांजा फूंकते हैं यह बेफिजूली की बात है महात्मा गांजा फूंकते हैं.

सब नहीं फूंकते ऐसे तो अंसारी आतंकवादी होते हैं लेकिन सब नहीं होते पर कुछ होते हैं तो यह आप सब पर टारगेट नहीं कर सकते.इस प्रकार कुछ पुजारी गलत हो सकते हैं पर सब पुजारी गलत नहीं हो सकते. सबको टारगेट क्यों किया जाए हवस का मौलाना क्यों नहीं हो सकता.हम किसी भी मजहब के खिलाफ नहीं है .उनको बुरा नहीं मानना चाहिए अगर किसी को बुरा लगा हो तो लगना चाहिए उसमें हमें कोई दिक्कत नहीं.

भारत में बढ़ते विद्रोह की घटनाएं को लेकर उन्होंने कहा कि यह भारत की सबसे बड़ी दिक्कत है जहां राष्ट्र विद्रोह  मानव द्रोही इन लोगों का कुछ लोग सपोर्ट करते हैं बाकी जो मानव को जोड़ने का काम करते हैं सनातन का काम करते हैं एकता का काम करते हैं उनका विरोध करते हैं इस बात से ही तो भारत विदेश के मुकाबले पीछे हैं यही दुर्भाग्य है भारत का.

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