वाराणसी : सिगरा में स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलने से विवाद हो गया. इसको लेकर विपक्षी पार्टियों समेत कायस्थ महासभा विरोध में उतर आई थी. स्टेडियम का नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कर दिया गया था. विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए स्टेडियम का नाम फिर से डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर रखा गया है. अब इसे डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कर दिया गया है.इसको लेकर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.
20 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 217 करोड़ की लागत से वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया था. लोकार्पण के बाद लोगों ने गौर किया कि स्टेडियम से डॉक्टर संपूर्णानंद का नाम हटा दिया गया था. इसके बाद सपा-कांग्रेस ने सियासी तरीके से और कायस्थ महासभा ने जातीय तरीके से इसका विरोध करना शुरू कर दिया था.
राज्यमंत्री ने लगाई अधिकारियों को फटकार
उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल गुरुवार को अचानक सिगरा स्थित डॉ संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंचे और निरीक्षण किया. मौके पर मौजूद स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पर बिफरते हुए उन्होंने कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि स्टेडियम का बोर्ड लगाते समय उसे पर लिखा नाम चेक कर लिया जाना चाहिए था. स्मार्ट स्मार्ट सिटी के कतिपय अधिकारियों के लापरवाही के कारण स्टेडियम के नाम को लेकर लोगों में कंफ्यूजन हुआ.
मंत्री के हस्तक्षेप पर फिर से लिखा गया डॉ संपूर्णानंद का नाम
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्टेडियम के मुख्य द्वार सहित चारों स्थान पर जहां भी स्टेडियम का नाम लिखा है, उसे सुधार कराते हुए तत्काल पूर्ववत सुनिश्चित कराया जाए. इस कार्य को शीघ्र प्राथमिकता पर कराए जाने पर उन्होंने विशेष जोर दिया. स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि बोर्ड बाहर से बनवाया गया है, इसे तत्काल ठीक करा दिया जाएगा. मंत्री के हस्तक्षेप से एक बार फिर स्टेडियम पर डॉक्टर संपूर्णानंद का नाम लिख दिया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि स्मार्ट सिटी के उन अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई करेगी जो बिना सोचे समझें ऐसे फैसले लेते हैं.