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‘महाकुंभ को सेना के हवाले क्यों नहीं किया…’ भगदड़ में मौतों पर भावुक हुए महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी..

प्रयागराज में महाकुंभ में मंगलवार की आधीरात भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि भगदड़ मच गई. संगम नोज पर भीड़ के चलते मची भगदड़ में लगभग 10 से ज्यादा लोगों की मौत और सात लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है. घायलों को कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 2 में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दुखद घटना और भीड़ के चलते अमृत स्नान रद्द कर दिया गया है.

इस बीच परिस्थितियों पर बात चीत करते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी अचानक रो पड़े. उन्होंने कहा-‘ हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी. प्रशासनिक व्यवस्था से कुंभ कलंकित हो गया. इतनी जनता आने के बाद ये पुलिस के संभालने का काम नहीं हैं.इसी का परिणाम है कि किसी बाप का बेटा चला गया, किसी का कोई. बहुत दुखद समाचार है ,मेरा मन बहुत व्यथित है. मैं अखाड़े में अपने साथियों से कहकर आया कि आपलोग यहां से ये अनाउंस मत कीजिए कि ये सब हो गया है. आप धीरे-धीरे अपने भक्तों से अपने कैंपों में लौटने के लिए कहिए.क्योंकि इससे वहां भी भगदड़ मचने की आशंका है.’

उन्होंने आगे कहा- ‘अगर कुंभ सेना के हवाले किया जाता तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता. मुझे बहुत दुख है, बहुत ज्यादा दुख है.’

बता दें कि सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 19.94 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी. इस बीच इस हादसे ने हालातों को कुछ बदल दिया है.

मौनी अमावस्या पर स्नान करने के जुनून की वजह से महाकुंभ नगर एक बार फिर विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया है. प्रयागराज की आबादी 5 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है. मंगलवार शाम छह बजे तक 4.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर एक नया रिकॉर्ड बना डाला. इसमें अगर जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए, तो प्रयागराज में एक दिन की संख्या 5.34 करोड़ रिकॉर्ड की गई.

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