उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक अदालत ने कत्ल के इल्जाम में दोषी करार दिए गए एक शख्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी थी. उस महिला का कुसूर सिर्फ इतना था कि वो अपने पति की शराब पीने की आदत से परेशान थी और उसे टोकती थी.
बरेली की फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने बीते सोमवार को 35 वर्षीय दोषी श्रवण कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अपनी पत्नी की हत्या करना न केवल आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध है, बल्कि नैतिक पाप भी है.
जज रवि कुमार दिवाकर ने हिंदू पौराणिक कथाओं के साथ तुलना करते हुए भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप का संदर्भ दिया, जो वैवाहिक बंधन की पवित्रता का प्रतीक है. उन्होंने दोषी के कार्यों की तुलना पौराणिक श्रवण कुमार से भी की, जो निस्वार्थ भाव से अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गए थे, जिससे दोनों के चरित्र में भारी अंतर का पता चलता है.
पीटीआई के मुताबिक, बरेली के अतिरिक्त जिला सरकारी वकील दिगंबर सिंह के अनुसार, अदालत ने मुकदमे के दौरान पेश किए गए अन्य सबूतों के अलावा पीड़िता के भाई कल्लू और उनकी मां शांति समेत 10 गवाहों की गवाही पर भरोसा किया.
बरेली के सीबीगंज इलाके के सर्वोदय नगर में रहने वाला श्रवण कुमार अपनी 30 वर्षीय पत्नी मीना के साथ रहता था. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि उन पर अक्सर शराब खरीदने के लिए घर से पैसे ले जाने का आरोप लगाया जाता था, जिससे उनकी पत्नी के साथ झगड़ा होता था.
11 अगस्त, 2021 को श्रवण कुमार नशे में घर लौटा और मीना ने उसका विरोध किया. वह गुस्से में घर से चला गया लेकिन रात करीब 11.30 बजे वापस लौटा और मीना पर चाकू से जानलेवा हमला कर उसके पेट में वार कर दिया. सीबीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद श्रवण को 13 अगस्त, 2021 को गिरफ्तार किया गया और तब से वह जेल में बंद है.