क्या माउंट आबू में अब नहीं मिलेगी शराब और नॉनवेज… बदल जाएगा नाम?

राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू घूमने जाने वाले पर्यटकों को अब वहां शराब और नॉनवेज नहीं मिल पाएगा. राज्य सरकार इसे तीर्थ स्थान घोषित करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से माउंट आबू नगर परिषद को पत्र लिखकर टिप्पणी मांगी हैं. इस संबध में आबू नगर परिषद को दो बार पत्र भेजा जा चुका है. इससे पहले साल 2024 में माउंट आबू को पुराने नाम आबू राज में बदलने का प्रस्ताव माउंट आबू नगर परिषद में सर्वसम्मति से पारित हो गया था.

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माउंट आबू एक हिल स्टेशन है. ठंडे पर्वतीय इस खूबसूरत शहर में घूमने के लिए बड़ी संख्या में यहां पर्यटक आते हैं. इसके अलावा माउंट आबू धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण स्थल माना जाता है. इसे 33 करोड़ देवी देवताओं की धरती भी माना जाता है. स्कंद पुराण के अर्बुद खंड में इसका जिक्र आता है. जैन धर्म में भी इस शहर का विशेष महत्व है. यहां कई पवित्र धार्मिक स्थल हैं, जिनमें दिलवाड़ा मंदिर और अर्बुदा देवी मंदिर भी प्रसिद्ध हैं. इसके धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे तीर्थ नगरी बनाने की तैयारी की जा रही है.

शराब और नॉनवेज की बिक्री पर लगा जाएगी रोक

माउंट आबू को आबू राज तीर्थ बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में बीते दिनों कई बैठक हुईं. इसके बाद स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से माउंट आबू नगर परिषद को पत्र लिखकर टिप्पणी मांगी गई. माना जाता है कि माउंट आबू के तीर्थ स्थल घोषित होते ही यहां शराब और नॉनवेज की बिक्री पर रोक लगा जाएगी. ऐसे में यहां घूमने और मौज मस्ती के उद्देश्य से आने वाले पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी.

होटल कारोबारी और अन्य संगठन उतरे विरोध में

माउंट आबू को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर आबू के होटल कारोबारी और अन्य संगठन विरोध पर उतर आए हैं. उन्होंने इसको लेकर ‘आबू बचाओ, आबू का रोजगार बचाओ’ संघर्ष समिति भी बनाई है. समिति का मानना है कि सरकार के इस फैसले से यहां का कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा. उनका कहना है कि माउंट आबू घूमने के लिए प्रति वर्ष करीब 24 लाख पर्यटक आते हैं.

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