केंद्र सरकार ने रियल मनी गेम्स (Real Money Games) पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill 2025) पेश किया. इसके बाद इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयर भी बिखरने लगे. इस विधेयक को लेकर टीवी के चर्चित बिजनेस शो शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) में जज अनुपम मित्तल ने रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के कदम की आलोचना की है और तर्क देते हुए कहा है कि, ‘हमने गुटखा बैन कर दिया, लेकिन लोगों ने इसे चबाना बंद कर दिया…’, इसके साथ ही उन्होंने इससे सरकार के रेवेन्यू में तगड़े नुकसान की चेतावनी भी दी है.
ऐसे की गेमिंग बिल की आलोचना
शार्क टैंक इंडिया के जज Anupam Mittal ने केंद्र के ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को पॉलिसी के रूप में नैतिक पुलिसिंग करार दिया है. उन्होंने लिंक्डइन (LinkedIn) पर एक पोस्ट लिखते हुए सरकार के रियल मनी गेम्स पर लगाम लगाने के लिए इस कदम की तुलना गुटखा जैसे प्रोडक्ट्स से कर डाली. उन्होंने पोस्ट के जरिए सरकार से पूछा कि गुटखा पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी क्या लोगों ने इसे चबाना बंद कर दिया या फिर इस उद्योग पर कुछ व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ा. मित्तल ने आगे लिखा, ‘क्या हम शराब पर इसलिए प्रतिबंध लगाते हैं, क्योंकि कुछ लोग शराबी बन जाते हैं? क्या हम शेयर बाpeर पर इसलिए प्रतिबंध लगा सकते हैं, क्योंकि कुछ लोग अपनी बचत उड़ा देते हैं?’
‘लत… नुकसान, बैन के लिए पर्याप्त आधार नहीं’
शार्क जज अनुपम मित्तल यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने केंद्र के इस बिल के साइडइफेक्ट बताते हुए कहा कि इसके लागू होने से सरकारी रेवेन्यू (Govt Revenue) में तगड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और अरबों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि Online Gaming Sector 27,000 करोड़ रुपये का जीएसटी और 10,000 करोड़ से ज्यादा का विज्ञापन राजस्व जनरेट करता है और इसके साथ ही हजारों लोगों को रोजगार देता है. उन्होंने अपना तर्क देते हुए लिखा कि किसी चीज की लत और आर्थिक नुकसान, हालांकि वास्तविक जरूर हैं, लेकिन पूरी तरह बैन के लिए इन्हें पर्याप्त आधार नहीं माना जा सकता.
मित्तल बोले- यूजर्स ब्लैक मार्केट में जाएंगे!
शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल ने भारत में असली पैसे से खेले जाने वाले इन ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के बिल को लेकर जहां सरकार को अरबों रुपये के नुकसान के लिए आगाह किया, तो वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी बैन के बाद इस सेक्टर से जुड़े यूजर्स ब्लैक मार्केट की ओर रुख कर सकते हैं. उन्होंने उन्होंने जोखिमों के प्रमाण के रूप में कथित तौर पर 8.3 लाख करोड़ के अवैध ऑनलाइन गेमिंग मार्केट का हवाला देते हुए यूजर सेफ्टी की ओर ध्यान आकर्षित किया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘शॉर्ट टर्म में सरकार का फैसला ऐसा लगता है जैसे हमने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है.’
Shaadi.com के फाउंडर हैं मित्तल
अनुपम मित्तल शार्क टैंक इंडिया के जज और Shaadi.com के फाउंडर-CEO भी हैं. कम उम्र में करोड़पतियों की लिस्ट में शामिल होने वाले उद्योगपतियों की लिस्ट में इनका नाम भी शामिल है. उन्होंने साल 2003 में डॉट कॉम वेंचर- शादी डॉट कॉम शुरू किया था, उन्होंने अपनी एक पूर्व पोस्ट में बताया था कि इसके लिए उन्होंने सब कुछ दांव पर लगा दिया था और फिर ये उनके लिए गेम चेंजर (Game Changer) साबित हुआ.