हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. संजय राउत के बयान ने सूबे की सियासी हलचल तेज कर दी है. राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो अपनी भूमिका स्पष्ट कर दे. वहीं अब इस पर कांग्रेस आलाकमान ने अपना रुख साफ कर दिया है.
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने कहा है कि महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है. हम एमवीए का हिस्सा हैं. शुरुआत में हम एनसीपी के साथ गठबंधन में थे और शरद पवार ने शिवसेना को साथ लिया था.
वहीं क्या यह उद्धव ठाकरे को सीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए दबाव की रणनीति हो सकती है? सूत्रों का कहना है कि इसके जवाब में कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि भले ही यह दबाव की रणनीति हो, हम चुनाव से पहले किसी भी सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेंगे, यहां तक कि शरद पवार का भी मानना है कि हमें नतीजों के बाद ही सीएम का चयन करना चाहिए और कांग्रेस का भी यही नियम रहा है कि चुनाव के बाद ही सीएम की घोषणा की जाए.
संजय राउत ने क्या कहा?
बता दें कि शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने हरियाणा में विधानसभा नतीजों के बाद कहा कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो वो अपनी भूमिका स्पष्ट कर दे. कांग्रेस के गर्व ने उन्हें हरियाणा चुनाव हराया. मुख्यमंत्री पद का चेहरा महाविकास आघाडी की तीन पार्टीयों को मिलकर अब अनाउंस कर देना चाहिए.
महाराष्ट्र कांग्रेस ने दिया जवाब
इसके जवाब में महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “किसका अहंकार बड़ा है यह आने वाले चुनाव में दिख जाएगा. उस वक्त आपको पता चलेगा कि किसका अहंकार खत्म हो गया है.” उन्होंने ये भी कहा कि हम संजय राउत से पूछेंगे कि क्या उन्होंने जानबूझकर यह सब बयानबाजी की? सार्वजनिक रूप से इस तरह की बात करना या इस तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है.