फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी Meta के खिलाफ चल रहे केस में सोमवार को सुनवाई हुई है. ये मेटा के लिए एंटीट्रस्ट ट्रायल है, जिसकी शुरुआत सोमवार को हुई है. ये ट्रायल वॉशिंगटन में US फेडरल ट्रेड कमिशन के साथ हुई है, जिसने मेटा पर अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
फेडरल ट्रेड कमिशन का आरोप है कि मेटा ने सालों पहले इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को खरीदकर अपने राइवल्स को खत्म कर दिया है. FTC के वकील का कहना है कि Meta ने अपने कंपटीटर से मुकाबला करने से बजाय, उन्हें खरीद लिया. ये कदम उन्होंने फेसबुक के दबदबे को बनाए रखने के लिए किया है.
मेटा के खिलाफ बड़ा सबूत
FTC के ओर से डेनियल मैथेसन ने 2012 के एक इंटरनल मेमो का हवाला दिया, जो मेटा CEO मार्क जकरबर्ग की ओर से था. इस मेमो में इंस्टाग्राम को ‘न्यूट्रलाइज’ करने की बात कही गई है. वहीं मेटा ने इसके जवाब में कहा है कि ये केस गुमराह करने वाला है. मेटा ने बताया है कि दोनों ही अधिग्रहण के वक्त FTC ने खुद इन्हें रिव्यू किया था और अधिग्रहण को मंजूरी दी थी.
कंपनी के अटॉर्नी ने कहा कि ये डील्स प्लेटफॉर्म को मजबूत करने और कंज्यूमर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए की गईं थी. अगर इस मामले में फैसला FTC के पक्ष में जाता है, तो Meta को वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को बेचना पड़ेगा. FTC ने कहा है कि मेटा ने इन प्लेटफॉर्म्स को खरीदने के लिए ज्यादा पैसे दिए थे.
मेटा ने साल 2012 में इंस्टाग्राम को 1 अरब डॉलर में खरीदा था, जबकि वॉट्सऐप को कंपनी ने साल 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था. हालांकि, मेटा का कहना है कि उन्हें TikTok, X (पहले ट्विटर), YouTube और Apple iMessage से अभी भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
इस सुनवाई के दौरान मार्क जकरबर्ग और पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Sheryl Sandberg को भी बुलाया जा सकता है. कयास है कि इस मामले में सुनवाई कई हफ्तों तक चलेगी. बता दें कि इस मामले की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुई थी.