अमेरिका के बढ़े हुए टैरिफ का असर अब भारतीय कंपनियों पर भी दिखने लगा है और इसमें सबसे ज्यादा चर्चा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की हो रही है। मुकेश अंबानी की यह कंपनी भारत में रूसी कच्चे तेल की सबसे बड़ी खरीदारों में से एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ से ग्लोबल एनर्जी मार्केट में हलचल बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सीधा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों पर भी देखने को मिल सकता है।
28 अगस्त को कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) होने वाली है। ऐसे में निवेशकों की नजर RIL के शेयरों पर टिकी हुई है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि AGM से ठीक पहले विदेशी दबाव और अंतरराष्ट्रीय बाजार की अस्थिरता के कारण शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। हालांकि, कंपनी का रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस मजबूत बना हुआ है, जो निवेशकों को संतुलन दे सकता है।
रिलायंस ने पिछले कुछ सालों में ऊर्जा कारोबार के साथ-साथ जियो और रिटेल सेगमेंट में भी जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों और सप्लाई चेन पर टैरिफ का दबाव बढ़ने से कंपनी की कमाई प्रभावित हो सकती है। खासकर रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट देखने को मिल सकती है, जो कि RIL के लिए अहम हिस्सा है।
AGM से पहले निवेशकों को यह उम्मीद है कि मुकेश अंबानी कंपनी के नए निवेश, ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स और टेलीकॉम सेक्टर में होने वाले विस्तार पर बड़े ऐलान करेंगे। अगर ऐसा होता है तो टैरिफ के दबाव के बावजूद शेयरों में सकारात्मक रुख देखने को मिल सकता है।
कुल मिलाकर, ट्रंप के टैरिफ ने बाजार में अनिश्चितता जरूर बढ़ा दी है, लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने डाइवर्सिफाइड बिजनेस मॉडल और नई योजनाओं के जरिए निवेशकों को भरोसा दिला सकती है। AGM से पहले 28 अगस्त को शेयरों में हलचल तेज रहेगी और मार्केट की नजर सीधे अंबानी के ऐलानों पर होगी।