जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इस उद्देश्य के लिए बीजेपी को शामिल करना आवश्यक हो, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।
अनंतनाग जिले के अचबल में आयोजित कार्यक्रम में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा कश्मीरी लोगों की समस्याओं के समाधान और उनके खोए हुए अधिकारों की बहाली रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम केंद्र सरकार से कोई खैरात नहीं चाहते, बस हमारी पहचान वापस चाहिए।” उन्होंने यह भी साफ किया कि पूर्ण राज्य के लिए कोई राजनीतिक समझौता उनके सिद्धांतों के खिलाफ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लद्दाख की वर्तमान स्थिति गंभीर है और वहां के लोग भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लद्दाख के लोग अब अनुच्छेद 370 के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों के आह्वान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ अराजक लोग फिर से अशांति फैलाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उनकी सरकार शांतिपूर्ण तरीके से ही समाधान तलाशेगी।
उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख को दोहराते हुए कहा कि पार्टी हमेशा लोगों की आकांक्षाओं और सम्मान के लिए खड़ी रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य गठन के समय उनके पास दो विकल्प थे, लेकिन उन्होंने पीडीपी के साथ गठबंधन न करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बच्चों, युवाओं और आम जनता की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे धैर्य रखें और लोकतांत्रिक और संवाद के रास्ते से ही समस्याओं का समाधान खोजा जाएगा।