पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पीएम मोदी पड़ोसी देश का दौरा करेंगे? दरअसल, पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एससीओ बैठक की मेजबानी कर रहा है. इस बैठक की मेजबानी सभी सदस्य देश बारी बारी से करते हैं. इस बार इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान को मिली है. ऐसे में पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने अपने पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री को इनवाइट किया है.
हालांकि, पीएम मोदी इस बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी. हालांकि, उनके इस्लामाबाद जाने की संभावना न के बराबर है. ये भी मुमकिन है कि भारत की तरफ से इस बैठक में कोई भी हिस्सा न ले. दरअसल, पीएम मोदी एससीओ की राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में हमेशा शामिल होते रहे हैं लेकिन कजाकिस्तान में हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे. प्रधानमंत्री की जगह इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे. एससीओ एकमात्र बहुपक्षीय संगठन है, जिसमें भारत-पाकिस्तान साथ काम करते हैं. दोनों देश इसके पूर्ण सदस्य हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
PM मोदी ने PAK को दिया था कड़ा मैसेज
करगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास से पाकिस्तान पर ऐसा वार किया था, जिससे पाकिस्तान बिलबिला गया था. पीएम मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा. करगिल युद्ध में हमने सत्य, संयम और साहस का परिचय दिया. भारत उस समय शांति का प्रयास कर रहा था लेकिन पाकिस्तान ने इसके बदले में अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया. मैं आतंकवाद के सरपरस्तों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे. करगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. आतंकवाद को हमारे जांवाज पूरी तरह से कुचलेंगे. दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
क्या है शंघाई सहयोग संगठन SCO?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना 15 जून 2001 में की गई थी. शुरुआत में इसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ही थे. 2001 में इस संगठन को शंघाई फाइव से शंघाई सहयोग संगठन करने के बाद उज्बेकिस्तान को इसमें शामिल किया गया. भारत और पाकिस्तान 2017 में SCO के सदस्य बने और ईरान ने पिछले साल 2023 में इसकी सदस्यता ली. 2024 के समिट में बेलारूस के शामिल होने के बाद इस के सदस्य देशों की संख्या 10 हो गई है.