नेपाल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के लिए आज होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले, नेपाली कांग्रेस और CPN-UML ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को नेपाली पीएम द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के लिए कहा है.
सदन में सबसे बड़ी पार्टी- नेपाली कांग्रेस- के साथ सत्ता-साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी, केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली CPN-UML ने पिछले हफ्ते प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
प्रचंड के विश्वास मत हारने की उम्मीद की जा रही है. 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास वर्तमान में 89 सीटें हैं, जबकि CPN-UML के पास 78 सीटें हैं. दोनों के पास कुल 167 सीटों की ताकत है जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 सीटों से कहीं अधिक है. प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के पास सिर्फ 32 सीटें हैं.
प्रचंड, जिन्हें सरकार बनाने के लिए सदन में विश्वास मत जीतने के लिए 138 वोटों की आवश्यकता है. उनके लगभग 63 वोट हासिल होने की संभावना है. सरकार का आज होने वाले फ्लोर टेस्ट में हारना लगभग तय माना जा रहा है.
नेपाली कांग्रेस (NC) ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने और प्रचंड के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया है. नेपाली अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह, CPN-UML ने भी एक व्हिप जारी किया है, जिसमें उसके सांसदों को प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने के लिए कहा गया है.
NC और UML के बीच इस समन्वित प्रयास का उद्देश्य प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को हटाना और संघीय और प्रांतीय दोनों स्तरों पर नए प्रशासन स्थापित करना है. CPN-UML अध्यक्ष ओली ने बुधवार को नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की.