अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर होंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाएंगे. राष्ट्रपति ट्रंप के साथ होने वाली बातचीत में इस मुद्दे को उठाया जाएगा. ये जानकारी पीएम के अमेरिकी दौरे से जुड़े लोगों से टीवी9 भारतवर्ष को मिली है.
अमेरिका के साथ बेहद मजबूत संबंध होने के बावजूद अमेरिकी सरकार ने जिस तरह भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार किया इस पर विदेश मंत्रालय का क्या रुख है? कुछ राजनीतिक दलों की मांग है कि पीएम को विरोध स्वरूप अमेरिका नहीं जाना चाहिए… इस पर विदेश सचिव ने कहा, 2012 से डिपोर्टेशन को लेकर प्रक्रिया चल रही है. पहले कभी किसी ने विरोध नहीं किया है. भारतीयों के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को लेकर विदेश मंत्रालय अमेरिकी सरकार के साथ संपर्क में है. प्लेन को लेकर भी पहले की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
डिपोर्टेशन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है
कुल मिलाकर MEA कह रहा है कि मिलिट्री प्लेन का आना और बेड़ियों में भेजना 2012 से अमेरिकी डिपोर्टेशन की प्रक्रिया का हिस्सा रहा है. विदेश सचिव ने कहा, अवैध प्रवासियों को अमेरिका से भेजे जाने को लेकर कुछ संख्या हमारे पास है कि उन्हें भेजा जाना है. डिपोर्टेशन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है. अलग-अलग कैटेगरी के लोगों को डिपोर्ट किया जा रहा है.
हम दुर्व्यवहार के हर उस मामले को उठाते रहेंगे
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, दुर्व्यवहार के मुद्दे पर हम अमेरिकी अधिकारियों पर जोर देते रहेंगे कि वहां से निकाले जा रहे लोगों के साथ किसी तरह का कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. हम दुर्व्यवहार के किसी भी मामले को उठाते रहेंगे, जो हमारे ध्यान में आएगा. अवैध इमिग्रेशन को बढ़ावा देने वाले पूरे सिस्टम के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. हमें बताया गया है कि 487 भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने का आदेश मिला है. हमने 298 लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है, जो कि उन्होंने मुहैया करा दी है.