हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीट की संख्या के आधार पर सीवरेज टैक्स लगाए जाने के संबंध में मीडिया में चल रही खबरों पर राज्य सरकार की सफाई आई है. हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की ओर से जारी एक बयान में उन खबरों का खंडन किया गया है जिनमें कहा गया है कि घरों में स्थापित टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे.
विभाग ने स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी कोई अधिसूचना वर्तमान सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है. सीवरेज कनेक्शन पूर्व की भांति ही प्रदान किए जाते रहेंगे. जल शक्ति विभाग ने अपने बयान में कहा है, ‘हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी प्राप्त करना है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और सीवरेज का ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जा सके. हाल ही में केवल पानी के शुल्क के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है, जबकि अन्य सभी चीजें यथावत रहेंगी.’
कई मीडिया आउटलेट्स ने ऐसी खबरें प्रकाशित की थीं कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहाड़ी राज्य में टॉयलेट सीट टैक्स लगाने का फैसला किया है. इस नई नीति के तहत हिमाचल प्रदेश के लोगों से उनके घरों में टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर हर महीने 25 रुपये सीवरेज टैक्स लिया जाएगा. हालांकि, सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इन खबरों का खंडन किया है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिमाचल प्रदेश वर्तमान में वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. पिछले महीने राज्य कर्मचारियों का वेतन और पेंशनर्स की पेंशन समय पर नहीं जारी किया जा सकता था और इसमें 5 दिन की देरी हुई थी. अगस्त में सीएम सुक्खू ने ऐलान किया था कि वह और राज्य के मुख्य संसदीय सचिव अगले दो महीने तक अपना वेतन और भत्ते नहीं लेंगे. उन्होंने विधानसभा के अन्य सदस्यों से भी अपील की थी कि वे स्वेच्छा से अपना वेतन और भत्ते छोड़कर इस आर्थिक संकट से निपटने में राज्य की मदद करें.