भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मिडिल क्लास को राहत देने की तैयारी कर रहा है. ऐसा कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिजर्व बैंक इंडिया कंजम्पशन और लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए लोन ब्याज दर में कटौती कर सकता है. यह कटौती 25 से 50 बेसिस पॉइंट की हो सकती है. हालांकि रुपये में गिरावट RBI के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
वहीं रिटेल इन्फ्लेशन साल के ज्यादातर समय में रिजर्व बैंक की लिमिट 6 प्रतिशत के भीतर रही है. इस कारण केंद्रीय बैंक कम खपत से प्रभावित विकास को बढ़ावा देने के लिए भी रेट में कटौती कर सकता है. हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है, ‘केंद्रीय बैंक अभी बजट में कोई बदलाव नहीं करेगा. क्योंकि अभी तो महंगाई स्थिर होनी शुरू हुई है. ऐसे में अगर रेपो रेट घटाया जाता है तो महंगाई बढ़ सकती है.’
7 फरवरी तक चलेगी आरबीआई की बैठक
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक 5 फरवरी से शुरू हो रही है, जो 7 फरवरी तक चलेगी. इसके बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर रेपो रेट और अन्य फैसले के बारे में जानकारी देंगे. इस बैठक में रेपो रेट के अलावा, महंगाई, GDP और अन्य के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. रिजर्व बैंक के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
आखिरी बार कब बदला था रेपो रेट?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2023 से रेपो दर (Repo Rate) को 6.5 प्रतिशत पर अनचेंज रखा है. पिछली बार RBI ने कोविड के समय (मई 2020) में दर में कटौती की थी और उसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था. तबसे लेकर रेपो रेट में कमी नहीं की गई है. जिस कारण बैंक के लोन भी महंगे हुए हैं.
लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरबीआई ने लिया फैसला
अभी हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की सरकारी सिक्योरिटीज खरीदेगा का फैसला किया है. डॉलर-रुपया स्वैप ऑक्शन के जरिए भी लिक्विडिटी बढ़ाने की तैयारी है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि आरबीआई लोन रेट में भी कटौती करके लिक्विडिटी बढ़ा सकती है.