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Windfall Tax: लगातार चौथी बार कम हुआ कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स, डीजल-पेट्रोल में नहीं हुआ बदलाव

सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में लगातार चौथी कटौती की है. हालांकि अन्य पेट्रोलियम उत्पादों जैसे डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी ईटीएफ के मामले में दरों को स्थिर रखा गया है.

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अब इतना हुआ कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी. मंत्रालय के ताजे नोटिफिकेशन के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को फिर से कम कर दिया गया है. इस कटौती के बाद अब डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर 3,250 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. इससे पहले विंडफॉल टैक्स 5,200 रुपये प्रति टन की दर से लग रहा था. नई दरें आज यानी 15 जून 2024 से प्रभावी हो गई हैं.

डीजल-पेट्रोल-एटीएफ पर नहीं बदली ड्यूटी

वहीं दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है. इस टैक्स को एक बार फिर से शून्य पर स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया है. इसका मतलब हुआ कि घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और अधिक मुनाफे के लिए डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.

दो महीने में लगातार चौथी बार कटौती

यह जून महीने की दूसरी और लगातार चौथी बार की कटौती है. इससे पहले महीने की शुरुआत में की गई समीक्षा में घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5,700 रुपये प्रति टन से घटाकर 5,200 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. उससे पहले सरकार ने 15 मई को हुई समीक्षा में भी कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम करने का फैसला लिया था. मई महीने की दूसरी समीक्षा में डोमेस्टिकली प्रोड्यूस्ड क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स की दरें 8,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 5,700 रुपये प्रति टन कर दिया था. वही 1 मई को सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 9,600 रुपये प्रति टन से घटाकर 8,400 रुपये प्रति टन कर दिया था.

पिछले महीने से कम हो रहा विंडफॉल टैक्स

मई महीने से पहले विंडफॉल टैक्स को लगातार बढ़ाया जा रहा था. इस वित्त वर्ष की पहली समीक्षा (1 अप्रैल 2024) में विंडफॉल टैक्स को 4,900 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 6,800 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. उसके बाद वित्त वर्ष की दूसरी समीक्षा (15 अप्रैल 2024) में विंडफॉल टैक्स को 6,800 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,600 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.

हर महीने में दो बार होती है समीक्षा

डोमेस्टिकली प्रोड्यूस्ड कच्चे तेल पर भारत में सबसे पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. इसी तरह डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी. कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां ज्यादा मार्जिन कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ का निर्यात करती हैं. पिछले कुछ समय के दौरान कच्चे तेल के दाम में वैश्विक स्तर पर भारी उथल-पुथल आई है. ऐसे में कंपनियां ज्यादा मुनाफे के लिए घरेलू बाजारों में बिक्री न कर निर्यात पर फोकस कर रही थीं. सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स और डीजल, पेट्रोल व एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था. इसकी समीक्षा हर पखवाड़े में यानी हर महीने में 2 बार की जाती है.

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