ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा के बाद धुर दक्षिणपंथी टेक्नोक्रेट एलन मस्क की नजरें अब जर्मनी की राजनीति पर है. एलन मस्क ने कहा है कि लगता है वोक (woke) वायरस लोगों के दिमाग में घुस गया है और उनके माइंड को संक्रमित कर गया है. एलन मस्क जर्मनी की दक्षिणपंथी नेत्री एलिस वीडेल के साथ अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर होस्ट किये एक स्पेस में बोल रहे थे.
एलन मस्क स्वयं इस शो के होस्ट बने थे. एलिस वीडेल का परिचय कराते हुए एलन मस्क ने कहा कि एलिस वीडेल इस समय जर्मनी को चला सकने में सक्षम सबसे योग्य उम्मीदवार हैं. मस्क ने प्रसारण के दौरान कहा, “ऐलिस वीडेल के साथ बातचीत में आपका स्वागत है, जो वर्तमान में जर्मनी के चुनाव के लिए अग्रणी उम्मीदवार हैं, ऐसा मेरा मानना है.”
अमेरिका से लेकर यूरोप तक की राजनीति को अपने बयानों से प्रभावित करने वाले एलन मस्क आजकल दुनिया भर की पालिटिक्स में दिलचस्पी ले रहे हैं. जर्मनी में अगले महीने यानी कि 23 फरवरी को चुनाव है. इससे पहले वहां जोरदार प्रचार अभियान चल रहा है. एलन मस्क ने इस चुनाव में सीधा दखल दे दिया है. उन्होंने जर्मनी के नागरिकों से अपील की है कि वे ऐलिस वीडेल को वोट दें.
एलन मस्क और ऐलिस वीडेल के बीच इस बातचीत में एनर्जी पॉलिसी पर चर्चा हुई. मस्क और वीडेल ने अत्यधिक नौकरशाही और “पागलपन भरी” ऊर्जा नीतियों की आलोचना की, और इस बात पर सहमति जताई कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का देश का निर्णय गलत था.
मस्क ने कहा, “जब मैंने देखा कि रूस से जर्मनी को गैस आपूर्ति बंद होने के बाद जर्मनी अपने बिजली संयंत्रों को बंद कर रहा है, तो मैंने सोचा कि यह सबसे अजीब चीजों में से एक है जो मैंने कभी देखी है.”
वीडेल ने जर्मनी की शिक्षा प्रणाली की आलोचना की. उन्होंने कहा, “हमारी शिक्षा प्रणाली में यह पागलपन भरा, वोक, सोशलिस्ट, वामपंथी एजेंडा है. इसलिए बच्चे स्कूल, विश्वविद्यालय में कुछ भी नहीं सीखते हैं.” वीडेल ने कहा, “वे केवल जेंडर स्टडीज के बारे में सीखते हैं.”
मस्क ने जर्मनी की स्थिति की तुलना व्यापक सांस्कृतिक रुझानों से करते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि जर्मनी में वोक माइंड वायरस ने काफी बुरी तरह से संक्रमण फैलाया है.”
वीडेल ने मस्क के मंच पर बोलने के लिए मिलने अवसर पर खुशी जाहिर की, उन्होंने कहा कि यह एक दशक में बिना किसी रुकावट के अपने विचार प्रस्तुत करने का उनका पहला मौका था. मस्क ने जवाब दिया, “लोग उन चीजों को सेंसर करना पसंद करते हैं जिनसे वे सहमत नहीं होते हैं.”
मस्क ने वीडेल की पार्टी एएफडी के लिए भी जोरदार समर्थन जताया और जर्मन लोगों से पार्टी का समर्थन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “लोगों को वास्तव में एएफडी का समर्थन करने की जरूरत है, अन्यथा जर्मनी में हालात बहुत खराब हो जाएंगे.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि एलिस वीडेल एक बहुत ही समझदार महिला हैं.”
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन सुरक्षा एजेंसियों ने एएफडी को दक्षिणपंथी बताया है जो प्रवासियों का विरोध करती है. लेकिन ये पार्टी जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव से पहले दूसरे स्थान पर चल रही है.
बता दें कि मस्क की स्वतंत्र टिप्पणियों की पूरे यूरोप में आलोचना हुई है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने उन पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया, जबकि फ्रांस के विदेश मंत्री ने यूरोपीय संघ से बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करने का अनुरोध किया है.
क्या होता है Woke?
दरअसल Woke शब्द अमेरिकी समाज में चल रहे सांस्कृति टकराव की उपज है. Woke शब्द का सीधा मतलब यूं तो सतर्क रहा, सचेत रहना होता है. लेकिन अमेरिका का दक्षिणपंथी वर्ग इसे सांस्कृतिक मार्क्सवाद कहता है. जबकि इसके समर्थक इसे प्रगतिशील सोच से जोड़ते हैं. Woke के विरोधियों का कहना है कि इसमें मेरिट की जगह नहीं है और ये समाज के स्थापित मूल्यों को बेवजह दरकाने की कोशिश करता है. वोक के विरोधी इसे एक्सट्रीम सेक्सुअल ओरिएंटेशन से भी जोड़कर देखते हैं.
इंटरनेट के प्रसार के बाद इस शब्द का प्रयोग तेजी से बढ़ा. इसके समर्थक नस्लीय झगड़ों में इस शब्द का प्रयोग करने लगे. नस्लवाद के खिलाफ अमेरिका और दुनिया में कई जगहों पर आंदोलन शुरू हुए. इस आंदोलन की पहचान ‘stay woke’ नारा बना.
एलन मस्क की तरह अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस शब्द के खिलाफ हैं. वे कह चुके हैं कि वे wokesters को देश भक्तों से रिप्लेस करेंगे. उन्होंने साफ कहा था कि उन्हें वोक पसंद नहीं हैं.