बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। महिला को वाड्रफनगर हॉस्पिटल से रेफर करने पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई।
मामले में परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पुलिस ने भी परिजनों का बयान दर्ज किया। केस डायरी बलरामपुर पुलिस को भेजी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम भलोईझोर निवासी लक्ष्मनिया (45) को हाथ, पैरों के साथ शरीर दर्द की शिकायत थी। परिजनों ने मंगलवार को गांव में घूम-घूमकर इलाज करने वाले डॉक्टर विनोद वर्मा को उपचार के लिए बुलाया था।
जानकारी के मुताबिक विनोद वर्मा के पास कोई डॉक्टरी से संबंधित कोई डिग्री नहीं है। विनोद वर्मा ने लक्ष्मनिया को इंजेक्शन लगाने की जरूरत बताई। विनोद वर्मा ने 3 इंजेक्शन सिरिंज में दवाएं भरीं।
पहला इंजेक्शन लगाते ही हुई बेहोश
लक्ष्मनिया की बेटी सुशीला वर्मा ने बताया कि विनोद वर्मा ने जैसे ही पहला इंजेक्शन लगाया, लक्ष्मनिया को उल्टी होने लगी और उसकी हालत बिगड़ गई। देखते ही देखते लक्ष्मनिया बेहोश होकर गिर गई तो विनोद वर्मा मौके से भाग गया। इसकी सूचना अन्य परिजनों को दी गई औ लक्ष्मनिया को वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल किया गया।
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में महिला ने तोड़ा दम
वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद लक्ष्मनिया को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। लक्ष्मनिया को लेकर परिजन अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे। यहां देर रात उपचार के दौरान लक्ष्मनिया की मौत हो गई।
लक्ष्मनिया की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर विनोद वर्मा पर गलत इंजेक्शन देने और उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों ने बताया कि विनोद वर्मा पहले भी उनका उपचार करता रहा है। इसके कारण उसे इलाज के लिए बुलाया गया था। जैसे ही उसने नस में इंजेक्शन दिया, लक्ष्मनिया की हालत बिगड़ गई। महिला को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।
पुलिस ने दर्ज किया परिजनों का बयान
मामले में झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने से मौत होने की जानकारी देने पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज किया। लक्ष्मनिया के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। सरगुजा पुलिस से मामले की केस डायरी बलरामपुर पुलिस को भेजी जा रही है।