पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद कथित तौर पर एक्सपायर दवा चढ़ाए जाने से एक महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर गुरुवार 16 जनवरी को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने सीजेआई टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच के सामने मामले का उल्लेख करते हुए मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक्सपायर हो चुकी इंट्रावीनस फ्लूइड के इस्तेमाल की जांच के लिए एक एसआईटी के गठन का अनुरोध किया है.
याचिकाकर्ता के वकील फिरोज एदुलजी ने कोर्ट को बताया कि इंट्रावीनस फ्लूइड (नसों के जरिए चढ़ाई जाने वाली दवा) की आपूर्ति करने वाली कंपनी को मार्च 2024 में एक अन्य राज्य सरकार ने चेतावनी दी थी और उसे तीन साल के लिए उत्पाद की आपूर्ति करने से प्रतिबंधित कर दिया था. वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को पश्चिम बंगाल पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए.
16 जनवरी को HC करेगा सुनवाई
बेंच ने कहा कि याचिका पर गुरुवार 16 जनवरी को सुनवाई की जाएगी. उसने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वकील फिरोज एदुलजी को राज्य महाधिवक्ता कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिया.
एक्सपायर इंट्रावीनस फ्लूइड चढ़ाया गया
दरअसल मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पांच महिलाओं को प्रसव के बाद जो इंट्रावीनस फ्लूइड चढ़ाया गया था, वह कथित तौर पर एक्सपायर हो चुका था. इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थीं. स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है.
तीन महिलाओं की हालत गंभीर
वहीं एक्सपायर दवा चढ़ाए जाने से गंभीर रूप से बीमार पड़ी तीन महिलाओं की तबीयत बीते रविवार को और बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें कोलकाता स्थित एसएसकेएम सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. इधर मृतक महिला के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन को महिला की मौत का जिम्मेदारठहराया.