उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित पीएसी कैंप में बुधवार को लगभग 600 ट्रेनी महिला सिपाहियों ने अव्यवस्थाओं के खिलाफ जमकर हंगामा किया। ट्रेनिंग में शामिल महिलाओं ने खराब भोजन, पानी की किल्लत और खुले में नहाने जैसी समस्याओं के साथ-साथ महिला टॉयलेट की लॉबी में कैमरा लगाए जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। सिपाहियों ने आरोप लगाया कि ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता 360 लोगों की है, लेकिन वहां 600 महिला सिपाहियों को रखा गया है।
ट्रेनी सिपाहियों का कहना है कि जब गोरखपुर के पीएसी बिछिया में जगह नहीं थी, तो उन्हें यहां क्यों भेजा गया। उन्होंने बताया कि उन्हें पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा, खुले में नहाना पड़ता है और विरोध करने पर अधिकारियों से डांट सुननी पड़ती है। इसी को लेकर महिलाएं रोती-बिलखती कैंप से बाहर आईं और रोड पर बैठकर प्रदर्शन करने लगीं।
ट्रेनिंग सेंटर में चल रही अव्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाते हुए सिपाहियों ने जबरदस्त विरोध जताया और पीएसी कैंप के बाहर धरना दिया। मामला गंभीर होता देख पीएसी कमांडेंट आनंद कुमार और सीओ दीपांशी राठौर मौके पर पहुंचे और सिपाहियों को समझा-बुझाकर अंदर भेजा।
महिलाओं ने विशेष रूप से टॉयलेट लॉबी में कैमरा लगाए जाने का विरोध किया और इसे तुरंत हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह उनकी निजता का उल्लंघन है और इससे उन्हें असहज महसूस हो रहा है।
पीएसी अधिकारियों के अनुसार ट्रेनी महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है और उनकी मांगों को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जा रही है। महिलाओं की ट्रेनिंग 21 जुलाई से शुरू हुई थी और 23 जुलाई को यह बड़ा विरोध सामने आया। फिलहाल सभी महिलाएं कैंप के अंदर लौट चुकी हैं और उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हो गई है।