सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल और तकनीक का अपराधीकरण – इन दोनों खतरों को उजागर करता है वह सनसनीखेज मामला, जिसमें एक 25 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने Deepfake तकनीक की मदद से महिलाओं की अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर, उन्हें फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर पोस्ट किया और फिर ब्लैकमेल करने लगा।इस हाईटेक अपराधी के पास इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा था और वह HTML, नेटवर्किंग और सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग में भी पारंगत था। लेकिन इन योग्यताओं का इस्तेमाल उसने साइबर क्राइम के लिए किया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी के पास 100 से अधिक फेक Gmail ID थीं, जिनकी मदद से वह Instagram पर फर्जी प्रोफाइल बनाता था।वह उन महिलाओं को निशाना बनाता था जो उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को इग्नोर करती थीं। फिर उनके नाम से फेक अकाउंट बनाकर उन पर Deepfake अश्लील कंटेंट पोस्ट करता।जब महिलाएं घबराकर संपर्क करतीं, तो वह उन्हें ब्लैकमेल करता और कहता कि फोटो-वीडियो हटाने के बदले वीडियो कॉल पर अश्लील हरकतें करने के लिए तैयार हों।
यह केस तब सामने आया जब मुंबई की एक 19 वर्षीय BSc छात्रा को इंस्टाग्राम पर अपने नाम से दो फर्जी अकाउंट्स दिखाई दिए।
छात्रा ने पहले उन्हें ब्लॉक किया, फिर अपने दोस्त की सलाह पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने IP एड्रेस के आधार पर आरोपी को ट्रैक किया और उसे बेंगलुरु के एक फैक्ट्री क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करता था।
गिरफ्तारी के वक्त आरोपी के पास से:
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13,500 से अधिक स्क्रीनशॉट
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दर्जनों Deepfake वीडियो
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महिलाओं के निजी डेटा से जुड़े डिजिटल साक्ष्य
बरामद किए गए।
पुलिस ने आरोपी को 16 जून को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और अब उस पर आईटी एक्ट, ब्लैकमेलिंग और अश्लील सामग्री प्रसारित करने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।साइबर सेल ने उसके सभी उपकरणों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है और यह जांचा जा रहा है कि कहीं यह कोई बड़ा रैकेट तो नहीं।टेक्नोलॉजी जहां जीवन को आसान बना रही है, वहीं साइबर अपराधियों ने इसे नया हथियार भी बना लिया है।महिलाओं को चाहिए कि वे डिजिटल दुनिया में सतर्क रहें, किसी भी शंका की स्थिति में चुप न बैठें और तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।