MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के बालाघाट से बीते दिनों खबर आई थी कि वार्ड नंबर 33 को नशा मुक्त बनाया जा रहा है. शहर की महिलाओं ने एक जुट हो कर रात्रि में पहरा देना शुरू कर दिया है. वार्ड की किशोरी, बालिका और महिलाओं के साथ बुजुर्ग महिलाएं भी इस काम में जुटी हैं… लेकिन अब इसी से जुड़ी एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. इलाके के आस-पास के लोगों ने अब इन महिलाओं पर मनमानी जैसे आरोप लगा दिए हैं. जी हां, गांव के लोगों के लोगों का शराबबंदी के नाम पर ये महिलाएं रात में उनके घरों में घुसती हैं, जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं और गाली-गलौज करती हैं.
शराबियों को खदेड़ने के लिए जुटी थी महिलाएं
दरअसल, जिले में शराबबंदी की मांग को लेकर महिलाओं की तरफ से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. कई गांवों में महिला समूह बनाकर शराब के खिलाफ काम किया जा रहा है. लेकिन इन महिला समूहों पर स्थानीय निवासियों ने प्रताड़ना और मनमानी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं
लेकिन इलाके के लोगों ने लगाए बड़े आरोप
बैहर इलाके के शेरपार गांव के आदिवासी बैगा समुदाय के लोगों ने महिला समूहों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका का कहना है कि महिला समूह घरों में बिना अनुमति के घुसती हैं. आदिवासी बैगा समुदाय के लोगों को परेशान करती हैं. जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उनका अपमान करती हैं. शराबबंदी के नाम पर मनमानी कर रही हैं.
पीड़ित पक्ष ने कलेक्ट्रेट में सौंपी शिकायत
शेरपार गांव के सौ से ज्यादा बैगा आदिवासी महिला-पुरुष शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. उन्होंने वहां ज्ञापन सौंपकर महिला समूहों पर वैधानिक कार्रवाई की मांग की. गांव के लोगों ने साफ कहा कि महिला समूहों की वजह से उनका जीवन प्रभावित हो रहा है. वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में जल्द कदम उठाए और उन्हें इस परेशान करने वाले व्यवहार से राहत दिलाए.जब पहल शुरू की गई थी तब जानकारी थी कि रात के वक्त हाथ में लट्ठ और टार्च लेकर निकली महिलआएं नदी किनारे और गांव के संभावित क्षेत्र में शराब पीने वालों को पकड़ती हैं. इससे शराब पीने वालों में काफी दहशत व्याप्त है. महिलाओं का कहना था कि ऐसी अनूठी पहल सभी जगह होना चाहिए ताकि शराबियों का आतंक समाप्त हो सके. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि पुलिस प्रशासन इलाके में गश्ती कर शराबियों पर अंकुश लगाए…. लेकिन अब महिलाओं से जुड़ी हैरान करने वाली खबर सामने आई है.