दमोह में एक्टिंग कॉम्पीटिशन में महिलाओं ने बिखेरा जादू, 90 के दशक की फिल्मों के डायलॉग बोले, गीतों पर किया जमकर डांस

दमोह: भगवान अग्रसेन जयंती के अवसर पर शनिवार को शहर के अग्रवाल धर्मशाला में मध्य प्रदेश महिला महासभा द्वारा विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर 1990 के दशक की फिल्मों पर आधारित आकर्षक एक्टिंग कॉम्पीटिशन रखा गया, जिसमें महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया.

कार्यक्रम को दो वर्गों में बांटा गया था—पहला वर्ग 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए और दूसरा वर्ग 35 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया. आयोजन की रूपरेखा महासभा की प्रदेश उपाध्यक्ष रमा अग्रवाल और खुशबू सुरेखा द्वारा तैयार की गई, जबकि निर्णायक मंडल की जिम्मेदारी रोजी बग्गा और खुशबू तिवारी ने निभाई.

प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने 90 के दशक की चर्चित फिल्मों के डायलॉग्स और दृश्यों को मंच पर जीवंत कर दिया। रमा अग्रवाल और खुशबू सुरेखा ने फिल्म जुदाई का प्रभावी अभिनय कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं.

वहीं मंजू अग्रवाल और वंदना अग्रवाल ने सन्यासी फिल्म का अभिनय प्रस्तुत किया. इसी क्रम में अर्चना अग्रवाल और रंजीता ने बीवी हो तो ऐसी के संवादों से माहौल को जीवंत किया.

युवा वर्ग की प्रतिभागी प्रियांशी ने दो कलियां का प्रदर्शन कर सभी का मन मोह लिया. वैशाली और प्रिया ने उपकार से यादगार प्रस्तुति दी, जबकि करुणा और निशा ने नसीब अपना अपना पर शानदार अभिनय किया। इसके अलावा सुमित अग्रवाल और मंजू अग्रवाल ने पूरब और पश्चिम फिल्म के डायलॉग्स पेश कर खूब वाहवाही लूटी.

कार्यक्रम के दौरान मंच पर फिल्मों के प्रसिद्ध गीतों पर डांस भी प्रस्तुत किए गए. महिलाओं ने रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. पूरे आयोजन के दौरान दर्शक लगातार जोश और उत्साह से झूमते नजर आए.

इस अवसर पर मध्य प्रदेश महिला महासभा के कई पदाधिकारी भी उपस्थित रहे. इनमें युवा संभागीय अध्यक्ष विकास अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजबहादुर अग्रवाल, तरुण मंच अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, जिला अध्यक्ष श्रीमती तारामणि, नगर अध्यक्ष श्रीमती अंजलि अग्रवाल प्रमुख रूप से शामिल रहीं। इसके अलावा सचिव श्रीमती मंजू अग्रवाल, सांस्कृतिक मंत्री श्रीमती अर्चना अग्रवाल और मीडिया प्रभारी श्रीमती रिद्धि अग्रवाल ने भी अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई.

कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें समाज में सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया. इस प्रतियोगिता ने महिलाओं की छिपी हुई प्रतिभाओं को मंच देने के साथ-साथ भगवान अग्रसेन जयंती को यादगार बना दिया.

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