उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां गंगोह क्षेत्र के गुजरान मोहल्ले में एक जर्जर मकान की छत गिरने से 30 वर्षीय युवक अफसरून की मौत हो गई। हादसे के समय उसकी पत्नी और तीन बच्चे घर के दूसरे हिस्से में सो रहे थे, जिससे वे बाल-बाल बच गए। इस घटना ने प्रधानमंत्री आवास योजना की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, अफसरून राजमिस्त्री के पास रहकर दिहाड़ी मजदूरी करता था और इसी आय से परिवार का गुजारा करता था। सोमवार सुबह करीब पांच बजे अचानक उसके मकान की छत भरभराकर गिर गई। तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने में जुट गए। हालांकि अफसरून तब तक दम तोड़ चुका था। हादसे में घर का घरेलू सामान और राशन भी मलबे में दबकर नष्ट हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण मकान पहले से ही जर्जर हालत में था। बावजूद इसके परिवार मजबूरी में उसी घर में रह रहा था। अफसरून की मौत से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों के अनुसार, अब परिवार पूरी तरह बेसहारा हो गया है, क्योंकि अफसरून ही घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था।
हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर गहरी नाराजगी जताई। उनका आरोप है कि अफसरून ने कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। योजना का लाभ न मिलने से मजबूर होकर वह जर्जर मकान में रहने को विवश था। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते उसे पक्का मकान मिल गया होता तो आज उसकी जान बच सकती थी।
घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। हालांकि, स्थानीय लोगों ने परिवार को तुरंत आर्थिक मदद और आवास उपलब्ध कराने की मांग की है। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ गया बल्कि इसने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।