सोनभद्र : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले स्थित एनसीएल कृष्ण शिला परियोजना में सीएचपी में कार्य कर रही कंपनी में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ विस्थापित धरने पर बैठ गए हैं.विस्थापित नेताओं के अनुसार पूर्व में स्थानीय थाना से लेकर सीओ, उपजिलाधिकारी व परियोजना, डीएम, एसपी को धरना की जानकारी दी गई थी, बावजूद इसके उन्हें पुलिस ने धरना स्थल से उठा लिया है.
विस्थापितो और श्रमिकों की आवाज को कुचलने का कुचक्र रचा जा रहा है.धरनारत लोगों का कहना है की कंपनी के सह पर पुलिस तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर उनके धरने और आवाज को दबाना चाहती है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह डरने वाले नहीं हैं.
जब तक उनका आर्थिक शोषण नहीं रुकता है तब तक वह पीछे हटने वाले नहीं हैं.
आरोप लगाया है कि सोनभद्र में एनसीएल कृष्ण शिला परियोजना में सीएचपी कार्य कर रही प्रभा कांटिनिक्स यूटिलिटी सर्विसेज द्वारा लगातार मजदूरों के मासिक वेतन से कथित गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है जो गैर कानूनी है.शोषण के खिलाफ महिनों से प्रयास करने के बावजूद परियोजना के उच्चाधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई न होते देख विस्थापित युवा कल्याण समिति ने कंपनी गेट के समीप 22 दिसंबर से धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन की चेतावनी दी थी.
रविवार सुबह जैसे ही विस्थापित नेता राजन भारती व अन्य धरना स्थल पहुंचे राजन को पुलिस ने वहां से उठा लिया और शांतिभंग में चालान करने की बात करते हुए उन्हें शक्तिनगर थाना उठा ले गई. जहां से उन्हें दुद्धी उप जिलाधिकारी न्यायालय भेज दिया गया, लेकिन उन्होंने जमानत लेने से इंकार दिया जिसके बाद उन्हें वहां से छोड़ दिया गया.
उन्होंने सवाल दागा कि उन्हें किस आधार पर और गिरफ्तार किया गया है, फिर छोड़ा गया, उनका क्या जुर्म है नहीं बताया गया। राजन भारती का कहना है की उनका धरना अब भी जारी हैं.
राजन का कहना है की मजदूरों के शोषण को लेकर जब-जब आवाज बुलंद की जा रही है तो कुछ माह तक कंपनी द्वारा मजदूरों के खाते से लिए गये नकदी पैसों का पूरा भुगतान किया गया, लेकिन दोबारा पुराना खेल शुरू कर दिया गया है.
मजदूरों की हाजिरी पुरी होने के बावजूद उन्हें कम उपस्थिति का वेतन भुगतान किया जा रहा है.इससे यह स्पष्ट होता है कि एनसीएल कृष्ण शिला प्रबंधन की घोर लापरवाही से यह सब हो रहा है.