सोनभद्र : ओबरा तापीय परियोजना के ई.एम.डी. तृतीय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का गुस्सा तीन महीने के अवैधानिक वेतन कटौती और अचानक छंटनी को लेकर फूट पड़ा है.मेसर्स नीरज कंस्ट्रक्शन और अवर अभियन्ता के तहत काम कर रहे इन श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर आज उपश्रमायुक्त (डीएलसी), पिपरी को एक पत्रक सौंपा है, जिसमें वेतन कटौती पर रोक लगाने और छंटनी वापस लेने की मांग की गई है.
हर मजदूर से हर महीने ₹2500 की ‘अवैध वसूली’
ठेका मजदूर यूनियन के जिला उपाध्यक्ष तीरथराज यादव ने इस गंभीर मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ई.एम.डी. तृतीय में कार्यरत प्रत्येक मजदूर से कम्पनी द्वारा मई, जून और जुलाई के वेतन से प्रत्येक महीने ₹2500 की कटौती की गई है.अगस्त के वेतन से भी इतनी ही कटौती की गई है.
यादव ने आरोप लगाया कि इस कटौती का सीधा कारण परियोजना प्रबंधन और अवर अभियन्ता द्वारा संविदाकार मेसर्स नीरज कंस्ट्रक्शन के बिल से प्रत्येक महीना ₹20,000 की कटौती करना है.इस नुकसान की भरपाई संविदाकार हर मजदूर के वेतन से ₹2500 काटकर कर रहा है, जबकि मजदूर पूरी 26 दिन 8 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं.
श्रमिकों ने इसे पूरी तरह से अवैधानिक बताया है.
बिना सूचना तीन मजदूरों को निकाला बाहर स्थिति तब और बिगड़ गई जब संविदाकार ने राम आशीष यादव, राजकुमार यादव और रामनिवास नामक मजदूरों को बिना किसी नोटिस या सूचना के काम से ही निकाल दिया, जो कि अवैधानिक छंटनी है.
श्रमिकों ने उपश्रमायुक्त से गुहार लगाई है कि इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लिया जाए.उन्होंने मेसर्स नीरज कंस्ट्रक्शन की अवैधानिक कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने, काटे गए वेतन की पूरी धनराशि वापस कराने और काम से निकाले गए तीनों मजदूरों को बहाल करने के लिए उचित आदेश देने का निवेदन किया है.
क्या यह कार्रवाई ओबरा परियोजना में कार्यरत संविदा श्रमिकों को न्याय दिला पाएगी?