राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि पश्चिम बंगाल में पकड़ी गई तानिया परवीन, जो एक अरबी भाषा की छात्रा थी, दरअसल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम कर रही थी. तानिया को 2020 में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उत्तर 24 परगना जिले के बादुरिया स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था. इसके अलावा वो पाकिस्तानी एयरफोर्स कर्मी भी रह चुकी है और वो कमांडो भी थी.
NIA की जांच में सामने आया है कि तानिया परवीन ऑनलाइन कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और लोगों को आतंकी संगठन से जोड़ने का काम कर रही थी. एजेंसी के अनुसार, तानिया को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और LeT से ट्रेनिंग मिली थी, और वह 70 से अधिक जिहादी सोशल मीडिया ग्रुप्स की सक्रिय सदस्य थी.
जांच एजेंसी ने बताया कि तानिया को सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर भारतीय सैन्य कर्मियों से दोस्ती करने और उनसे संवेदनशील जानकारी निकालने का काम सौंपा गया था. फिलहाल एनआईए को पता चला है कि तानिया एक भर्ती करने वाली सदस्य थी और उसकी चैट से पता चला कि वह पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत में फैले एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा थी.
NIA ने दाखिल की 850 पन्नों की चार्जशीट
NIA ने तानिया के खिलाफ यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है. चार्जशीट में उसके चैट, सोशल मीडिया गतिविधियों और पाकिस्तान स्थित आकाओं से संपर्क के सबूत शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मार्च 2020 में कोलकाता के मौलाना आजाद कॉलेज की पहली साल की एमए छात्रा, 22 वर्षीय तानिया परवीन को गिरफ्तार किया था. उसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा चलाए जा रहे एक संदिग्ध ऑनलाइन भर्ती मॉड्यूल से जुड़े होने के आरोप में पकड़ा गया था.
इस गिरफ्तारी के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई थी. NIA ने अब तक की जांच में पाया है कि तानिया परवीन लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में थी और उसे विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों से जानकारी निकालने तथा युवाओं की भर्ती में लगाने का काम सौंपा गया था.