भारत में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बन चुकी है. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर तीसरी बार देश की कमान संभाल ली है. इस बीच वर्ल्ड बैंक की मंगलवार को एक रिपोर्ट आई है, जिसमें दावा किया गया है कि आने वाले 3 सालों में पूरी दुनिया भारत और इसकी इकोनॉमी का जलवा देखेगी. भारत, GDP ग्रोथ के मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाएगा. वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट को मोदी सरकार की निरंतरता पर वैश्विक मुहर के रूप में देखा जा रहा है.
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अगले तीन सालों में भारत की GDP ग्रोथ 6.7 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी. ये उसे दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाए रखेगा. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को अपनी ‘ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट’ जारी की है.
वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. ये जनवरी 2024 में जताए गए वर्ल्ड बैंक के पिछले अनुमान से 1.9 प्रतिशत अधिक है. भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ दुनिया के औसत से अधिक है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के 2.6 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है. अगले दो सालों में वैश्विक वृद्धि बढ़कर औसतन 2.7 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है. फिर भी ये कोविड-19 से पहले के दशक के 3.1 प्रतिशत से काफी कम है.
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में एक और अहम बात कही गई है कि वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान दुनिया की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी पर कोविड का असर दिखेगा. दरअसल, इस दौरान वैश्विक GDP वाले देशों की आर्थिक वृद्धि दर कोविड-19 से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ रही होगी.
दक्षिण एशिया जोन में इकोनॉमिक ग्रोथ साल 2023 में 6.6 प्रतिशत थी. वर्ष 2024 में इसके सुस्त पड़कर 6.2 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है. इस सुस्ती की असल वजह हाल के वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में नरमी आना हो सकती है. हालांकि वर्ल्ड बैंक का मानना है कि 2025-26 के दौरान भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ स्टेबल रहेगी. इसके चलते दक्षिण एशिया क्षेत्र की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. इस क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश में की ग्रोथ पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी सुस्त रह सकती है. वहीं पाकिस्तान और श्रीलंका में सुधार आने की उम्मीद है.
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल लेवल पर महंगाई 2024 में 3.5 प्रतिशत और 2025 में 2.9 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है. हालांकि महंगाई नरम पड़ने की ये रफ्तार छह महीने पहले की तुलना में धीमी है. ऐसे में दुनिया के अधिकतर देशों के कई सेंट्रल बैंक आने वाले समय में नीतिगत दरों को कम करने के संबंध में सावधानी बरत सकते हैं. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत में महंगाई सितंबर 2023 से ही रिजर्व बैंक के दो-छह प्रतिशत के निर्धारित दायरे के भीतर बनी हुई है.