जर्मनी के मैगडेबर्ग में क्रिसमस बाजार में एक कार ने भीड़ को रौंद दिया. इसमें 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस घटना को लेकर अरबपति एलॉन मस्क ने जर्मन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने जर्मन सरकार पर ‘आत्मघाती सहानुभूति’ का आरोप लगाया है.
दरअसल, 50 वर्षीय संदिग्ध सऊदी डॉक्टर तालेब ए को 2006 में जर्मनी ने शरण दी थी. तालेब को सनकी करार देते हुए मस्क ने कहा कि आरोपी को यूरोपीय देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी और इसके बजाय उसे कथित आतंकवाद और मानव तस्करी के आरोपों का सामना करने के लिए उसे सऊदी अरब में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था. दरअसल, तालेब सऊदी का रहने वाला है.
2006 में सऊदी अरब से भाग गया था हमलावर तालेब
Yeah, he was obviously a lunatic who should never have been allowed to enter Germany and should have been extradited when Saudi Arabia made the request.
Suicidal empathy by the German government. https://t.co/nCVEnwKa2P
— Elon Musk (@elonmusk) December 21, 2024
एलॉन मस्क ने सऊदी अरब के राजनीतिक टिप्पणीकार द्वारा किए गए X पोस्ट को शेयर किया. जिसमें ये आरोप लगाया गया है कि तालेब रेप के आरोप और गंभीर अपराधों में फंसने के बाद 2006 में सऊदी अरब से भाग गया था, साथ ही ये भी दावा किया गया है कि जर्मनी ने मानवाधिकार चिंताओं और जर्मनी के एक सरकारी अस्पताल में काम करते हुए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के कारण सऊदी अरब के प्रत्यर्पण अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया था.
संदिग्ध ने छुपाई थी पहचान
X पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि कैसे तालेब ने सऊदी और खाड़ी देशों में सजा से बचने वाले अन्य लोगों के लिए एक साइट खोली और खुद को पूर्व मुस्लिम बताया, जिसने कथित तौर पर जर्मनी में स्थायी निवास पाने में उसकी मदद की. एलॉन मस्क ने X पोस्ट में कहा कि जर्मन सरकार की विफलता की गंभीरता को समझने के लिए महत्वपूर्ण थ्रेड.
‘हमलावर को जर्मनी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी’
एलॉन मस्क ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि हां, वह स्पष्ट रूप से एक सनकी था, जिसे जर्मनी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी और सऊदी अरब द्वारा अनुरोध किए जाने पर उसे प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था. ये जर्मन सरकार द्वारा आत्मघाती सहानुभूति थी. मस्क ने पहले ही जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से इस भयानक हमले के लिए पद छोड़ने की मांग की थी, साथ ही उन्हें मूर्ख कहा है.