अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा को धमकी दी है कि अगर अमेरिकी जहाजों के लिए वह आवाजाही शुल्क लेना जारी रखता है, तो वह पनामा नहर को अमेरिका को वापस करने की मांग करेंगे. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा, “पनामा नहर को अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है, क्योंकि इसका अमेरिका की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है.’ ट्रंप ने उन टोल शुल्कों की कड़ी आलोचना की, 0.50 डॉलर से लेकर 300,000 डॉलर तक हो सकते हैं.
क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘पनामा द्वारा लिए जा रहे शुल्क हास्यास्पद हैं, विशेष रूप से यह जानते हुए कि अमेरिका ने पनामा को असाधारण उदारता दिखाई है. हमारे देश के लिए यह ‘धोखाधड़ी’ तुरंत बंद हो जाएगी.’ ट्रंप ने आगे कहा कि पनामा को नहर का प्रबंधन दूसरों के लाभ के लिए नहीं दिया गया था, बल्कि हमारे और पनामा के बीच सहयोग के प्रतीक के रूप में दिया गया था. अगर इस उदारता के सिद्धांतों, नैतिक और कानूनी, का पालन नहीं किया जाता है, तो हम पनामा नहर को पूरी तरह से और बिना किसी सवाल के हमें वापस करने की मांग करेंगे.
ट्रंप ने कहा, अमेरिका का पनामा नहर के सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय संचालन में वैधानिक हित है, और यह हमेशा समझा गया था. हम इसे कभी भी गलत हाथों में नहीं जाने देंगे! वाशिंगटन में पनामा दूतावास और पनामा नहर प्राधिकरण ने ट्रंप की टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
बता दें कि अमेरिका ने 1914 में नहर का निर्माण पूरा किया और 31 दिसंबर 1999 तक इसका प्रबंधन किया. इसके बाद नहर का नियंत्रण पनामा को सौंप दिया गया था, जो एक संप्रभु देश है और यह 1997 में हस्ताक्षरित संधियों के आधार पर हुआ. अमेरिका नहर का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है.