‘अगर जिंदा बची हूं तो जरूर कुछ बड़ा काम बाकी है…’, बांग्लादेश में हमलों के बीच शेख हसीना ने समर्थकों को किया संबोधित

बांग्लादेश में जारी उथल-पुथल हिंसा के बीच अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ बांग्लादेश में शुरू किया गया आंदोलन दरअसल उनकी हत्या के लिए है. मोहम्मद यूनुस में मुझे और मेरी बहन को मारने की योजना बनाई थी.

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शेख हसीना ने फेसबुक लाइव के जरिए पार्टी के संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है तो कुछ जरूर कुछ काम करना होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को कैसे मात दे देती?

शेख हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ बांग्लादेश में शुरू किया गया आंदोलन दरअसल उनकी हत्या के लिए है. मोहम्मद यूनुस में मुझे और मेरी बहन को मारने की योजना बनाई थी.

उन्होंने अपने संबोधन में अपने आवास पर हुए हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि घर को आग क्यों लगाई? मैं बांग्लादेश के लोगों से इंसाफ मांगती हूं. क्या मैंने अपने मुल्क के लिए कुछ नहीं किया? तो इतना अपमान क्यों?

इस हमले पर दुख जताते हुए हसीना ने कहा कि मेरी और मेरी बहन की जो यादें बची थी, वो अब मिट चुकी हैं. घर जलाया जा सकता है लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता.

बता दें कि बांग्लादेश में बुधवार आधी रात को जमकर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी-32 स्थित आवास को आग लगा दी गई. उनके घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया.

बांग्लादेश का इतिहास बुलडोजर से नहीं मिटेगा

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने संबोधन में कहा कि उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस आजादी को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया है. वे घर को ढहा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं. उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है. बुलडोजर से इतिहास नहीं मिटा करता.

बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर

अवामी लीग के प्रदर्शन से ठीक एक शाम पहले बांग्लादेश में हालात गंभीर हो गए हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उपद्रवी गेट तोड़कर जबरन शेख मुजीबुर्रहमान के आवास के भीतर घुस गए. जानकारी के मुताबिक यह विरोध पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा दिए गए एक ऑनलाइन भाषण के जवाब में शुरू हुआ है.

प्रदर्शनकारियों ने जवाबी कार्रवाई में धानमंडी 32 में बुलडोजर मार्च आयोजित करने की योजना की घोषणा की थी. हालांकि उन्होंने शुरू में रात 9 बजे बुलडोजर से घर को ध्वस्त करने की धमकी दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अपनी योजना बदल दी और रात 8 बजे तक आ गए. वे एक रैली के रूप में आवास पर पहुंचे और मेन गेट को तोड़कर भीतर घुस गए और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की.

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