दमोह : जिला अस्पताल में एक बुजुर्ग बीमार महिला लगभग डेढ़ महीने से भर्ती है.परेशानी की बात यह है कि इस बुजुर्ग महिला के परिजन उसे देखने तक नहीं आ रहे हैं.यह महिला जबेरा क्षेत्र के पायरा गांव की बताई जा रही है.अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ ही उसकी देखरेख कर रहा है.
नर्सिंग स्टाफ की माने तो उसे नहलाने से लेकर खाना खिलाने तक का काम नर्स कर रही हैं। डेढ़ महीने में एक बार भी परिजन उसे देखने तक नहीं आए हैं.बताया जाता है कि १०८ एम्बुलेंस से बुजुर्ग महिला लाई गई थी.तभी से यहां पर भर्ती है.
स्टाफ ने बुजुर्ग महिला के संबंध में स्टाफ चार बार अस्पताल चौकी में भी आवेदन दे चुका है, लेकिन अभी तक पुलिस परिजनों को तलाश नहीं पाई है.स्टाफ की माने तो बुजुर्ग बोलने व सुनने में अक्षम है। पैर कमजोर होने के कारण वह बैठ नहीं पाती है। दो दिन से उसने खाना भी छोड़ दिया है.इससे उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.नर्सिंग स्टाफ उसे जबलपुर रेफर कराने के पक्ष में हैं, लेकिन परिजनों के न आने से जोखिम उठाने से परहेज कर रही हैं.
स्टाफ ने बताया कि बुजुर्ग महिला की याददाश्त ठीक नहीं है.वह किसी को पहचान नहीं पाती हैं.अपने घर का पता व परिवार के लोगों को भी नहीं पहचानती है.स्टाफ ने पुलिस प्रशासन से पीडि़त के परिजनों की तलाश करने की मांग की है.
दूसरे संक्रमित न हो, इसके लिए रखा अलग-थलग
बुजुर्ग महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त भी है.सामान्य मरीजों के बीच उसे भर्ती नहीं किया गया है.अलग से ऐसे मरीजों की व्यवस्था भी अस्पताल में नहीं है.यही वजह है कि बुर्जुग को एक स्टोर रूम में फ्लोर बेड बिछाकर भर्ती किया गया है.हालांकि नर्सिंग स्टाफ पूरी गंभीरता से बुजुर्ग की देखरेख कर रही हैं.