भारत के स्टार पहलवान और ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने अपने प्रतिबंध के खिलाफ नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) को कोर्ट में घसीटा है. उन्होंने यह फैसला अक्टूबर में होने वाले वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप को लेकर किया है.
दरअसल, नाडा ने बजरंग पर प्रतिबंध लगाया है. जबकि वो वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में उतरना चाहते हैं. ऐसे में बजरंग पर लगा यह बैन उन्हें इस चैम्पियनशिप में उतरने से रोकता है. इसी को लेकर बजरंग ने नाडा के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है.
दरअसल, यह सारा मामला मार्च 2024 का है. NADA के अनुसार बजरंग ने 10 मार्च को सोनीपत में ट्रायल्स के दौरान यूरीन का नमूना देने से इनकार कर दिया था. इसके चलते उन पर ये एक्शन लिया गया और प्रतिबंध लगाया गया.
बजरंग को भेजे गए नोटिस में कहा गया था, ‘DCO ने आपको डोप टेस्ट के लिए मूत्र का सैम्पल देने को कहा था. DCO द्वारा किए गए कई अनुरोधों के बाद भी आपने इस आधार पर अपने मूत्र का सैम्पल देने से इनकार कर दिया था कि जब तक NADA एक्सपायरी किट के मुद्दे के बारे में आपके ईमेल का जवाब नहीं देता, तब तक आप नमूना प्रदान नहीं करेंगे.’
उन्होंने कहा था, ‘करीब दो महीने पहले डोप टेस्ट के लिए एथलीट का सैम्पल इकट्ठा करना था. सैम्पल देने से इनकार के बाद NADA के DCO ने आपको इसके परिणामों के बारे में विस्तार से बताया था. आप पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी नियम, 2021 के अनुच्छेद 2.3 के उल्लंघन का आरोप लगा है. अब आपको अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है.’
अब बजरंग ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि डोपिंग कंट्रोल अधिकारी टेस्ट के लिए या तो एक ही किट लेकर आ रहे थे. या फिर वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए एक्सपायर हो चुकी किट ला रहे थे.
याचिका में कहा- इसके अलावा अधिकारी मैच के बीच में ही सैम्पल लेना चाह रहे थे, जिससे की मैं उसमें व्यस्त हो जाऊं. इस तरह मैं अपना मैच हार सकता था. अपनी शिकायत में कहा कि बजरंग का सैम्पल गैर-अधिकृत डोपिंग कंट्रोल अधिकारी ले रहे थे, जिनका नाम NADA के मिशन ऑर्डर में ही नहीं था.
उन्होंने कहा कि बजरंग ने प्रतिबंध के बाद 11 जुलाई 2024 को अपना स्पष्टीकरण दाखिल किया था, जिसका जवाब NADA ने अब तक नहीं दिया और ना ही सुनवाई का कोई मौका दिया. जबकि बजरंग को अक्टूबर 2024 में वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में भाग लेना है.